खिड़की तोड़ मौत के मुंह से निकला, समस्तीपुर के युवक ने बताई तमिलनाडु रेल हादसे की आपबीती
समस्तीपुर के ज्ञानी ने बताया कि टक्कर के बाद झटके के साथ जोर की आवाज हुई जिससे ट्रेन में अपरातफरी का मच गयी। सभी लोग अपनी अपनी जान बचाने के लिए बाहर निकलने के लिए व्याकुल हो गये। उसी बीच स्थानीय लोग भी पहुंचे और ट्रेन में सवार लोगों को बोगी से बाहर निकलने में जुट गए।
तमिलनाडु में चेन्नई के समीप केवारपेट्टाई स्टेशन पर मालगाड़ी से मैसूर दरभंगा बागमती एक्सप्रेस के हादसे में कल्याणपुर के मिर्जापुर का युवक ज्ञानी कुमार बाल बाल बच गया। हादसे के बाद ट्रेन की खिड़की तोड़ वह मौत के मुंह से बाहर निकलने में कामयाब रहा। युवक के सोमवार को सकुशल घर लौटने के बाद परिवार के लोगों ने राहत की सांस ली है। युवक जब तक घर नहीं आया था तब तक परिवार के लोग चिंतित थे।
ट्रेन हादसे में मौत का शिकार होने से बचने के बाद घर आये मिर्जापुर के उदैनी राय के पुत्र ज्ञानी ने बताया कि चार महीना पहले वह रोजी-रोटी की तलाश में बंगलुरु गया था। छठ पर्व को लेकर वह मैसूर दरभंगा बागमती एक्सप्रेस से घर आ रहा था। केवारपेट्टाई स्टेशन पर ट्रेन ने एक मालगाड़ी में टक्कर मार दी। उसने बताया कि टक्कर के बाद झटके के साथ जोर की आवाज हुई, जिससे ट्रेन में अपरातफरी का मच गयी। सभी लोग अपनी अपनी जान बचाने के लिए बाहर निकलने के लिए व्याकुल हो गये। उसी बीच स्थानीय लोग भी पहुंचे और ट्रेन में सवार लोगों को बोगी से बाहर निकलने में जुट गए।
उसी दौरान उसने खिड़की तोड़ना शुरू कर दिया। कुछ देर के बाद खिड़की तोड़ वह बाहर निकलने में सफल रहा। ज्ञानी ने बताया कि बोगी से निकलने के दौरान उसके दाहिने पैर एवं हाथ में चोट भी आयी। लेकिन चोट का दर्द जान बचने की खुशी के सामने नहीं पता ही नहीं चल रहा था। बोगी से बाहर आने के बाद उसने घटना की जानकारी मोबाइल के माध्यम से अपने परिजनों को दी। लेकिन पूरी बात कर पाता उसके पहले ही कनेक्शन कट गया, जिससे पूरी बात नहीं हो पायी। इसकी वजह से घर के लोग बेचैन हो गए।
ज्ञानी ने बताया कि स्थानीय लोग एवं प्रशासन की मदद से सभी यात्री को स्टेशन ले जाया गया। जहां से ट्रेन से चेन्नई के रास्ते समस्तीपुर भेजा गया। सोमवार सुबह ज्ञानी अपने घर पहुंचा। ज्ञानी के भाई साधु यादव ने बताया कि ट्रेन हादसे की सूचना मिलने के बाद घर के लोग बेचैन हो गए थे। हादसे के संबंध में समस्तीपुर स्टेशन पर संपर्क किया गया परंतु कोई सही जवाब नहीं मिल पाया था। दूसरे दिन संपर्क करने पर पता चला कि लोग सुरक्षित है। सोमवार को भाई को अपने सामने देख खुशी हो रही है।