Hindi Newsबिहार न्यूज़Dont get confused candidates pay attention to BPSC Deputy CM Samrat Chaudhary appeal to the protesting students

भ्रम में न पड़ें, BPSC की बात सुनें अभ्यर्थी; सम्राट चौधरी ने की अपील

नॉर्मलाइजेशन पद्धति के विरोध में प्रदर्शन कर रहे BPSC अभ्यर्थियों से डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने अपील करते हुए कहा है कि छात्र सिर्फ बीपीएससी पर ध्यान दें, किसी और भ्रम में न पड़ें। छात्रों की समस्या का हल हो चुका है, बीपीएससी ने

sandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटनाSat, 7 Dec 2024 05:25 PM
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बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन पद्धति के विरोध में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है। वहीं इस पूरे मामले पर आयोग की तरफ से साफ कर दिया गया है कि नॉर्मलाइजेशन के आधार रिजल्ट जारी नहीं होगा। बावजूद इसके छात्रों का प्रदर्शन थमा नहीं है। इस बीच उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने छात्रों से आग्रह करते हुए कहा है कि छात्र सिर्फ बीपीएससी पर ध्यान दें, किसी और भ्रम में न पड़ें।

मीडिया से बातचीत के दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि छात्रों की समस्याओं का हल हो चुका है। सरकार उनके साथ खड़ी है, जैसे ही छात्रों के मुद्दे खड़े हुए, तुरंत ही बीपीएससी की तरफ से जवाब देने का काम किया गया। इसलिए जो हमारे लाखों अभ्यर्थी हैं, और जो परीक्षा देना चाहते हैं। वो पूरी तरह बीपीएसपी की ओर ध्यान दें यही हमारी अपील है।

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इस पूरे मामले पर बीपीएससी के अध्यक्ष रवि मनुभाई परमार ने बताया कि आयोग की ओर से नॉर्मलाइजेशन के आधार पर रिजल्ट जारी किये जाने से संबंधित कोई विज्ञप्ति अधिकारिक तौर पर जारी नहीं की गई है। पूर्व की तरह प्रश्नपत्र का मल्टी सेट तैयार किया गया है, जिसमें किसी एक सेट से परीक्षा होगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। अभ्यर्थियों में किसी तरह का भ्रम फैलाया गया है। यह भ्रम वहीं लोग फैला रहे हैं जिन्हें परीक्षा से कोई मतलब नहीं है।

बीपीएससी ने कुछ कोचिंग संचालकों और स्थानीय छात्र नेताओं पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है।अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद बीपीएससी अध्यक्ष ने शुक्रवार को अपना पक्ष रखा। अध्यक्ष ने बताया कि 13 दिसंबर को एक पाली में दोपहर 12 से दो बजे तक परीक्षा होगी। अभी तक तीन लाख अभ्यर्थी एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं। परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की जाएगी।

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किसी परीक्षा में प्रश्नपत्र कितना कठिन है, इसके हिसाब से अंक निर्धारित करने की पद्धति को नॉर्मलाइजेशन कहा जाता है। अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने की स्थिति में यदि परीक्षा दो या उससे अधिक पालियों में आयोजित हो तो तो यह प्रक्रिया अपनायी जाती है। परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर कैंडिडेट्स का प्रतिशत स्कोर निकाला जाता है। इसके लिए अभ्यर्थी को प्राप्त नंबरों के बराबर या उससे कम नंबर हासिल करने वाले सभी अभ्यर्थियों की संख्या और उस पाली की परीक्षा में शामिल हुए कुल अभ्यर्थियों की संख्या के भागफल को 100 से गुणा किया जाता है।

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