तमसा नदी के तेज बहाव में फंसे श्रद्धालु, देवदूत बनकर उतरे SSB के जवान, सभी 10 लोगों का किया रेस्क्यू
नेपाल में वाल्मिकी आश्रम के दर्शन करके लौट रहे 10 श्रद्धालु तमसा नदी के तेज बहाव में फंस गए। जिसके बाद एसएसबी के जवानों ने मानव श्रृंखला बनाकर सभी लोंगो क सुरक्षित निकाला
भारत से नेपाल में वाल्मिकी आश्रम के दर्शन करके लौट रहे श्रद्धालु अचानक तमसा नदी के तेज बहाव में फंस गए। घबराए और दहशत से भरे श्रद्धालुओं के बचाव में देवदूत बनकर उतरे एसएसबी के जवानों ने सभी 10 श्रद्धालुओं का सफल रेस्क्यू किया। जिसके बाद श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली। दरअसल सोमवार की शाम अंतिम सोमवारी और रक्षाबंधन के अवसर पर वाल्मीकि आश्रम दर्शन कर लौटते समय तमसा नदी में अचानक से आए पानी के तेज बहाव में फंसे श्रद्धालुओं का सफल रेस्क्यू सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों और जवानों ने किया।
दस श्रद्धालु जो भारत से वाल्मीकि आश्रम (नेपाल) दर्शन करने आए थे, दर्शन करने के बाद जब श्रद्धालु वापस आ रहे थे, तभी अचानक तमसा नदी में तेज बहाव के साथ पानी के स्तर में वृद्धि हो गई। जिससे सभी श्रद्धालु नदी में फंस गए। सूचना पर एसएसबी 21वीं वाहिनी एफ प्रभारी ने तत्परता दिखाते हुए अपने बलकर्मियों के साथ नदी के पास पहुंच साहस ,धैर्य और कुशलता का परिचय दिखाते हुए मानव श्रृंखला बनाकर औ उपलब्ध संसाधन का इस्तेमाल करते हुए सभी 10 श्रद्धालुओं को बचा लिया। जिसमें 8 पुरूष और 2 महिलाएं शामिल हैं।
सभी श्रद्धालुओं ने 21वीं वाहिनी एफ के जवानों और अधिकारियों को धन्यवाद दिया। और फिर सभी अपने- अपने गंतव्य को प्रस्थान कर गए। 21वीं वाहिनी एसएसबी की एफ समवाय भारत-नेपाल सीमा पर वाल्मीकि आश्रम के नजदीक तैनात रहती है। और हर पल सहायता हेतु तत्पर रहती है। इससे पहले भी एसएसबी के बलकार्मिको द्वारा तमसा नदी से ही 69 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया था। बरसात के मौसम की वजह से नदी का पानी बढ़ता-घटताा रहता है, जिसके कारण दर्शनार्थ आए श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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