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Hindi Newsबिहार न्यूज़Cyber criminal also got cheated four youths looted chain cash by posing as fake EOU officers

साइबर अपराधी के साथ ही हो गया फ्रॉड, फर्जी ईओयू अफसर बनकर चार युवकों ने चेन और कैश लूटे

चार शातिरों ने खुद को ईओयू अधिकारी बताकर साइबर अपराध में लिप्त युवक को फर्जी गिरफ्तार कर दिया। वे उसे मुजफ्फरपुर से समस्तीपुर और दरभंगा तक गाड़ी में बंधक बनाकर घुमाते रहे। फिर 50 हजार रुपये लेकर उसे छोड़ दिया। आरोपियों ने उसकी सोने की चेन और मोबाइल भी लूट लिए।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 17 Aug 2024 11:13 AM
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बिहार के मुजफ्फरपुर से एक रोचक मामला सामने आया है। यहां आम लोगों को झांसे में लेकर ऑनलाइन ठगी करने वाले एक अपराधी के साथ ही फ्रॉड हो गया। चार शातिरों ने खुद को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) अफसर बताकर एक साइबर अपराधी को फर्जी तरीके से अरेस्ट कर दिया। फिर उसे बंधक बनाकर मुजफ्फरपुर से दरभंगा तक गाड़ी में घुमाते रहे। शातिरों ने उसकी सोने की चेन और मोबाइल फोन लूट लिया। फिर 50 हजार रुपये वसूल कर उसे छोड़कर भाग गए। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

यह घटना शुक्रवार की है। गिरफ्तार आरोपी गायघाट और बोचहां के रहने वाले हैं। उन्होंने खुद को पटना के ईओयू अधिकारी बताते हुए साइबर क्राइम में लिप्त अहियापुर के एक युवक को कॉल कर जीरो माइल चौराहा पर बुलाया। फिर उसे चारों ने गिरफ्तारी की बात कहते हुए गाड़ी में बैठा दिया। चारों शातिर युवक को पांच घंटे तक गाड़ी में बंधक बनाकर घूमाते रहे। वे उसे मुजफ्फरपुर से समस्तीपुर और दरभंगा तक ले गए। बाद में उसे छोड़ने की एवज में 50 हजार रुपये भी ले लिए। यही नहीं, शातिरों ने उससे गाड़ी में 10 हजार का तेल भी भरवा लिया और उसका मोबाइल एवं गोल्ड चेन छीन ली।

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इसके बाद सभी उस युवक को सदर थाना इलाके में छोड़कर फरार हो गए। इसके बाद पुलिस के पास पहुंचे पीड़ित ने अहियापुर थाने में घटना की एफआईआर दर्ज कराई। फिर एसडीपीओ टाउन विनीता सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने छापेमारी की। इसमें चार युवकों को गिरफ्तार किया गया। सिटी एसपी ने बताया कि चारों को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

पीड़ित खुद है साइबर अपराधी

सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि जिसके साथ ठगी की यह वारदात हुई, वो युवक भी खुद साइबर अपराध में संलिप्त है। वह टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर ठगी करता है। बेतिया के साइबर शातिरों के गिरोह से जुड़ा हुआ है। उसके संबंध में अलग से जांच की जा रही है।

बताया जा रहा है कि पीड़ित युवक साइबर क्राइम के लिए छात्रों को झांसा देकर उनके बैंक अकाउंट भाड़े पर लेता थे। छात्रवृति देने का झांसा देकर लिए गए खाते में साइबर ठगी की राशि मंगवाता था। दो से तीन माह तक छात्रों को रुपये भी देता रहा। इसी क्रम में गायघाय और बोचहां के युवकों को अहियापुर के साइबर अपराधी के बारे में पता चल गया। चारों युवकों ने उसे ट्रैप करने की साजिश रची। फिर घटना को अंजाम देने के बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।

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