बिहार के सक्षमता पास शिक्षक कब बनेंगे सरकारी टीचर, काउंसिलिंग पर शिक्षा विभाग का मूड क्या?
राज्य के 1.87 लाख नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण की है, जिनकी काउंसिलिंग एक अगस्त से 13 सितंबर तक हुई। लेकिन, शिक्षकों के आधार नंबर, नाम अथवा प्रमाणपत्रों में त्रुटि के कारण कइयों की काउंसिलिंग नहीं हो सकी। वहीं, 3300 शिक्षक काउंसिलिंग में उपस्थित ही नहीं हुए।
बिहार के सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण राज्य के 37 हजार शिक्षकों की काउंसिलिंग पर निर्णय दुर्गापूजा के बाद ही लिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के साथ विचार-विमर्श किया, पर कोई नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। अब पूजा बाद फिर इस पर विभाग और बोर्ड पदाधिकारियों के बीच मंथन होगा। उसके बाद काउंसिलिंग की सूचना उन्हें दी जाएगी।
मालूम हो कि राज्य के 1.87 लाख नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण की है, जिनकी काउंसिलिंग एक अगस्त से 13 सितंबर तक हुई। लेकिन, शिक्षकों के आधार नंबर, नाम अथवा प्रमाणपत्रों में त्रुटि के कारण कइयों की काउंसिलिंग नहीं हो सकी। वहीं, 3300 शिक्षक काउंसिलिंग में उपस्थित ही नहीं हुए। इन्हें फिर से मौका दिये जाने को लेकर विभाग में मंथन चल रहा है। शिक्षकों के आधार नंबर और प्रमाणपत्रों की त्रुटि सुधारने का मौका दिया जाना है।
इस संबंध में विभाग ने बिहार बोर्ड को एक पत्र भी भेजा था, जिसका जवाब भी आया है। लेकिन, कोई अंतिम निर्णय पर विभाग नहीं पहुंच पाया है। मालूम हो कि शिक्षकों की स्थानांतरण नीति लागू कर दी गयी है। इसमे साफ किया गया है कि सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की काउंसिलिंग के बाद ही उनके स्थानांतरण पर विचार होगा। ऐसे में जिनकी काउंसिलिंग अधूरी रह गयी है, उन्हें फिर से मौका दिये जाने का इंतजार है। जल्द ही यह इंतजार खत्म होने वाला है। दुर्गा पूजा के बाद काउंसिलिंग की तिथि तय की जाएगी।
दरअसल शिक्षा विभाग राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों को सरकारी टीचर का दर्जा देने का फैसला कर चुकी है। लेकिन इसके लिए शर्त यह लगाई गयी है कि उन्हें सक्षमता परीक्षा पास करना होगा। इसके लिए हर शिक्षक को पांच मौके मिलेंगे। लिखित परीक्षा पास करने के बाद काउंसिलिंग का प्रावधान है। उसके बाद नए स्कूल में उनका तबादला किया जाएगा। बिहार सरकार शिक्षक स्थानांतरण नीति की घोषणा कर चुकी है।