Hindi Newsबिहार न्यूज़Contempt case filed in Patna High Court against CBI know what is case

पटना हाईकोर्ट में सीबीआई के खिलाफ अवमानना वाद दायर, जानिए क्या है मामला

मुजफ्फरपुर की पांचच वर्षीया खुशी के अपहरण मामले में सीबीआई के खिलाफ अवमानना वाद दायर किया गया है। खुशी के पिता राजन साह के अधिवक्ता ओमप्रकाश गुप्ता ने पटना हाईकोर्ट में अवमानना वाद दायर किया है। सीबीआई पर कार्य में शिथिलता बरतने का आरोप लगाया गया है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फफरपुरSat, 31 Aug 2024 08:14 AM
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बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के ब्रह्मपुरा स्थित पमरिया टोला की पांच वर्षीया खुशी के अपहरण मामले में शुक्रवार को सीबीआई के खिलाफ अवमानना वाद दायर किया गया है। खुशी के पिता राजन साह के अधिवक्ता ओमप्रकाश गुप्ता ने पटना हाईकोर्ट में अवमानना वाद दायर किया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का आदेश था कि सीबीआई इस मामले की जांच प्राथमिकता से करे, लेकिन ऐसा दिख नहीं रहा है। बताया कि अवमानना वाद को कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। इसकी सुनवाई जल्द होगी।

इधर, खुशी के पिता राजन साह ने बताया कि पिछले एक महीने से किसी ने भी उनसे संपर्क साधने की कोशिश नहीं की है। राजन साह और परिवार के अन्य लोगों ने कई बार सीबीआई के आईओ से लक्ष्मी चौक मछली मंडी के कुछ युवकों का नाम बताकर उनसे पूछताछ का आग्रह किया था। परिवार का मानना है कि मछली मंडी में छानबीन से बच्ची के बारे में पता चल सकता है।

करीब डेढ़ साल से मामले की जांच कर रही सीबीआई

करीब डेढ़ साल से खुशी अपहरण मामले की जांच कर रही सीबीआई परिवार और करीबी रिश्तेदारों से पूछताछ कर चुकी है। खुशी की तस्वीर स्कूलों में भेजकर इस उम्र व शक्ल की बच्ची के बारे में जानकारी मांगी गई थी। अस्पतालों और बालगृहों में भी सीबीआई जांच कर चुकी है, लेकिन खुशी का कोई सुराग नहीं मिला। बता दें कि 16 फरवरी 2021 को पमरिया टोला में घर के पास सरस्वती पूजा पंडाल में खेल रही खुशी गायब हुई थी। ब्रह्मपुरा थाने में केस दर्ज हुआ था।

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यह मामला तीन साल पुराना है। मुजफ्फरपुर के ब्रम्हपुरा थाना इलाके की घटना है। सरस्वती पूजा के दौरान महज पांच साल की खुशी को उस समय अगवा कर लिया गया जब वह अपने घर के पास स्थित एक पूजा पंडाल में खेल रही थी। इस मामले में ब्रम्हपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई गयी थी। बिहार पुलिस जब खुशी को नहीं खोज पाई तो मामला सीबीआई के हवाले किया गया। लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी को अब तक सफलता नहीं मिली है।

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