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खुशी अपहरण कांड : पुलिस के जांच अधिकारियों की पोलीग्राफी करने की मांग

खुशी अपहरण कांड में डेढ़ साल की जांच में सीबीआई अब तक कोई ठोस सबूत नहीं ढूंढ़ पाई है। इससे असंतुष्ट खुशी के पिता राजन शाह ने अपने वकील ओमप्रकाश के...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरMon, 10 June 2024 08:15 PM
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मुजफ्फरपुर प्रमुख संवाददाता
खुशी अपहरण कांड में डेढ़ साल की जांच में सीबीआई अब तक कोई ठोस सबूत नहीं ढूंढ़ पाई है। इससे असंतुष्ट खुशी के पिता राजन शाह ने अपने वकील ओमप्रकाश के माध्यम से हाईकोर्ट में सोमवार को प्रार्थना याचिका दायर की है। अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने इस कांड से जुड़े पुलिस के सभी जांच पदाधिकारियों की पोलीग्राफी जांच करने की मांग कोर्ट से की है। आशंका है कि पुलिस इस केस में शुरू से ही संदिग्धों के पक्ष में काम कर रही है। इस कारण तमाम सबूत नष्ट कर दिए गए।

सीबीआई इस केस में बीते 5 दिसंबर 2022 से जांच कर रही है। केस में चार्ज लेने के एक साल के बाद सीबीआई ने पॉलीग्राफ जांच की कवायद की। खुशी के पिता राजन की पॉलीग्राफ जांच की गई और अब उनके अन्य परिजनों को जांच के दायरे में लिया जा रहा है। जबकि इस केस के संदिग्ध की कोई जांच नहीं की जा रही है। इस केस में एक ऑडियो की जांच होनी है। इसमें यह कहते सुना जा रहा है कि दो लाख खर्च करने पर खुशी का पता पटना और मुजफ्फरपुर के बीच चल सकता है। इस महत्वपूर्ण बिंदु पर सीबीआई ने अब तक जांच नहीं की है। तीन लाख के इनाम की घोषणा का फलाफल भी सामने अब तक सामने नहीं आया है।

बता दें कि तीन साल पहले 16 फरवरी 2021 को खुशी का अपहरण हुआ था। ब्रह्मपुरा थाना इलाके में पमरिया टोला स्थित अपने घर के पास सरस्वती पूजा पंडाल में खुशी खेल रही थी। इसी दौरान उसका अपहरण हो गया। इसको लेकर खुशी के पिता ने बरहमपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन पुलिस की शिथिलता के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके बाद राजन ने हाईकोर्ट में निष्पक्ष और त्वरित जांच के लिए याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट के आदेश पर भी पुलिस इस मामले में ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची। इसके बाद केस सीबीआई को सौंप दिया गया था।

दोषी पुलिसकर्मी पर नहीं हुई अब तक कार्रवाई :

सीबीआई को केस सौंपते हुए हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया था कि इस केस में शिथिलता बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर एसएसपी को आदेश देते हुए दोषी पुलिसकर्मी पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी सौंपने के लिए कहा था। अब तक मामले में किसी दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई नहीं हुई है।

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