लालू के ऑफर पर कांग्रेस बोली- नीतीश गोडसेवादियों को छोड़ गांधीवादियों के साथ आते हैं तो स्वागत है
- राजद अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने जदयू के अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन के साथ आने का ऑफर देकर कोहरे भरे मौसम में काफी गर्माहट ला दी है।
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तरफ से जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार को वापस महागठबंधन यानी इंडिया गठबंधन में लौट आने के ऑफर का कांग्रेस ने स्वागत किया है। बिहार में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने गुरुवार को कहा कि नीतीश अगर गोडसेवादी विचारधारा के लोगों को छोड़कर गांधीवादी विचारधारा वालों के साथ आते हैं तो स्वागत है। दो दिन पहले कांग्रेस और लेफ्ट दलों ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा दोबारा कराने की परीक्षार्थियों की मांग के समर्थन में राजभवन मार्च किया था, तब राजद के नेता और विधायक शामिल नहीं थे। इस कुहासे भरे मौसम में लालू के बयान ने नीतीश को लेकर गर्माहट बढ़ा दी है।
लालू यादव के बयान को हालांकि उनके बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव ने ही खास तवज्जो नहीं देने का इशारा किया है। तेजस्वी यादव ने गुरुवार को पत्रकारों के सवालों के जवाब में दावा किया कि मीडिया को ठंडा करने के लिए लालू ने ऐसा कहा है। बता दें कि लालू ने कहा था कि नीतीश के लिए उनका दरवाजा हमेशा खुला है। नीतीश को भी दरवाजा खुला रखना चाहिए। वो भाग जाते हैं लेकिन साथ आते हैं तो क्यों नहीं साथ लेंगे। नीतीश कुमार साथ में आएं और साथ में काम करें। लालू के इस बयान से कुछ दिन पहले ही तेजस्वी ने कहा था कि नीतीश के लिए अब राजद का दरवाजा बंद है।
नीतीश भाग जाते हैं, आएंगे तो माफ कर देंगे; अब लालू यादव ने दे दिया ऑफर- साथ आएं, काम करें
लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान जब नीतीश कुमार लालू यादव और राबड़ी देवी के बाल-बच्चों की गिनती कर रहे थे तब मई में लालू ने कहा था कि अब अगर नीतीश कुमार उनके घर आते हैं तो वो आने के लिए उनका धन्यवाद करेंगे लेकिन कभी माफ नहीं करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के नेता अमित शाह के एक बयान के बाद नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर अटकलें लग रही हैं। भाजपा के सबसे सफल अध्यक्ष रहे अमित शाह ने कहा था कि 2025 के चुनाव के नेतृत्व को लेकर सभी दल साथ बैठेंगे और जब तय कर लेंगे तो मीडिया को बता दिया जाएगा।
नीतीश साथ आएं.., लालू यादव के ऑफर पर तेजस्वी ने दी सफाई- मीडिया को ठंडा करने के लिए कहा
अमित शाह के बयान का मतलब ये निकाला गया कि बीजेपी ने अभी नीतीश को लेकर पूरी तरह से मन नहीं बनाया है। इसके बाद जेडीयू के नेताओं ने नीतीश के नेतृत्व को लेकर दावा किया और पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल पर - जब भी बिहार की बात होगी, सिर्फ नीतीश का नाम होगा- जैसे पोस्टर लगाए। तब से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत कई नेता बार-बार बयान दे रहे हैं कि 2025 का चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ेंगे और आगे भी उनके नेतृत्व में एनडीए की सरकार चलेगी।