माफिया से सांठगांठ कर सीओ ने कर दी गलत जमाबंदी, डीएम बोले-बहुत गलत हुआ; शो कॉज किया
जमाबंदी रद्द होते ही भूमाफियाओं ने जमीन पर कब्जा कर लिया। इस मामले की शनिवार को सुनवाई की गई। वर्तमान सीओ सुनील कुमार से डीएम ने पूछा कि जब फरवरी में ही मामला आपके संज्ञान में आया तो आपने क्यों नहीं कार्रवाई की। इस मामले में डीएम ने वर्तमान सीओ पर शोकॉज किया।
बिहार में भूमाफिया और सरकारी अधिकारियों के बीच गठजोर जारी है। सीओ और जमीन माफि के बीच गठजोड़ से फुलवारीशरीफ अंचल के कोरजी गांव में एक रैयती भूमि पर कब्जा करने का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार ने डीएम के यहां जब लोक शिकायत निवारण न्यायालय में अपील की तो यह मामला प्रकाश में आया। डीएम ने छानबीन भी कराई तो पता चला कि जिस जमीन की 60 साल से जमाबंदी चल रही है, उसे फुलवारीशारीफ के पूर्व सीओ चंदन कुमार ने 2022 में गलत तरीके से रद्द कर दी।
जमाबंदी रद्द होते ही भूमाफियाओं ने जमीन पर कब्जा कर लिया। इस मामले की शनिवार को सुनवाई की गई। वर्तमान सीओ सुनील कुमार से डीएम ने पूछा कि जब फरवरी में ही मामला आपके संज्ञान में आया तो आपने क्यों नहीं कार्रवाई की। इस मामले में डीएम ने वर्तमान सीओ पर शोकॉज किया तथा पूरे मामले की जांच एडीएम और डीसीएलआर सदर को करने को कहा।
दरअसल, कोरजी गांव निवासी सुरज कुमार ने डीएम के लोक शिकायत निवारण न्यायालय में अपील की, जिसमें कहा गया है कि गलत जमाबंदी कायम कर उनके स्वामित्व के जमीन पर भूमाफियाओं से मिलकर कब्जा करा लिया गया है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि पूर्व सीओ ने इस मामले में मनमाने ढंग से काम किया है। वर्तमान सीओ के संज्ञान में मामला आने के बाद भी अपने स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की। डीएम ने जब सीओ से पूछा तो उसने गलत रूप से जमाबंदी कायम होने की भूल स्वीकार की। डीएम ने कहा कि आपका अपने कार्यालय पर कोई नियत्रंण नहीं है। पीड़ित ने सीओ के सामने पहले भी कई बार आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन अवैध जमाबंदी करा दी गई और आदेश में यह अंकित किया गया कि उक्त जमीन इस व्यक्ति को केवाला द्वारा बिक्री से प्राप्त है। पीड़ित ने न्यायालय में डीएम को बताया कि बिक्री करने वाले व्यक्ति की मृत्यु 30 वर्ष पहले हो गई थी। डीएम ने कहा कि यह काफी आश्चर्यजनक है।
केवाला से जमीन कैसे प्राप्त हुआ एवं जमाबंदी किस आधार पर हुई यह जांच का विषय है। सीओ ने बताया कि गलत ढंग से हुई जमाबंदी के दाखिल-खारिज को रद्द करने के लिए पटना सदर डीसीएलआर के न्यायालय में 10 दिन पूर्व अंचल स्तर से अपील दायर की गई है।
डीएम ने कहा -सीओ की यह कार्यशैली आपत्तिजनक
जिलाधिकारी ने कहा कि अंचल अधिकारी की यह कार्यशैली अत्यंत आपतिजनक है। आवेदक के पूर्वज के नाम से 60 वर्षों से कायम जमाबंदी के बाद भी किसी अन्य के नाम पर अवैध जमाबंदी कर दी गई तथा भूमाफियाओं ने जमीन पर कब्जा कर ली। इस बाबत जिला पदाधिकारी ने कहा कि अंचल पदाधिकारी का यह व्यवहार बहुत ही खराब है, इसीलिए उनसे स्पष्टीकरण किया गया। साथ ही डीसीएलआर से इस मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता (विभागीय जांच) को फुलवारीशरीफ सीओ के खिलाफ परिवाद की सभी बिन्दुओं पर जांच करते हुए प्रतिवेदन मांगा है तथा 27 दिसम्बर को अगली सुनवाई में रिपोर्ट उपस्थित करने को कहा है।
एक अन्य मामले में बिक्रम बीओ से स्पष्टीकरण
एक अन्य मामले में बिक्रम अंचल के बाघाकोल गांव के दीपक कुमार की निजी जमीन पर पौधरोपण को लेकर बार-बार शपथपत्र और पेशा का ब्योरा मांगने के आरोप में बीडीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है।