आंगनबाड़ी केंद्रों में होगी कक्षा 6 तक के बच्चों की पढ़ाई, बिहार में ड्रॉपआउट रोकने की कवायद
आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चें अब ड्रापआउट नहीं हो, वो आगे की पढ़ाई के लिए प्राथमिक स्कूल में नामांकित हो। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिक स्कूल से टैग किया गया है। आईसीडीएस की मानें तो हर साल 15 से 20 फीसदी बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र से निकलने के बाद स्कूल नहीं जाते थे
बिहार में छह साल तक के बच्चों की प्री प्राइमरी की पढ़ाई अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर होगी। यहीं शिक्षा की बुनियादी जानकारी दी जाएगी। इसके बाद बच्चों को सीधा कक्षा एक में दाखिला मिलेगा। आंगनबाड़ी के सभी बच्चे कक्षा एक में नामांकन ले, इसके लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्र को प्राथमिक स्कूल से टैग किया गया है।
अभी राज्य के एक लाख आंगनबाड़ी केंद्र को कुल 69 प्राथमिक स्कूल से टैग किया है। बचे हुए 15 हजार आंगनबाड़ी केंद्र को भी जल्द ही प्राथमिक स्कूल से टैग कर दिया जाएगा। इससे करीब 91 लाख 92 हजार 313 बच्चे लाभान्वित होंगे। यूनिसेफ के एक सर्वे की मानें तो छह वर्ष तक ही किसी बच्चे का पूरा मानसिक विकास होता है। इस उम्र के बच्चे में सबसे ज्यादा सीखने की प्रवृति होती है और वो किसी चीज को तुरंत सीख भी लेते हैं। इस सर्वे को ध्यान में रख कर नई शिक्षा नीति में आंगनबाड़ी केंद्र को अब फोकस किया जाएगा।
तीन वर्ष के बच्चों के लिए आधारशिला पाठ्यक्रम
आईसीडीएस ने प्रथम संस्था के साथ मिलकर नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए प्री प्राइमरी का पाठ्यक्रम भी तैयार किया है। इसमें एक से तीन वर्ष के बच्चों के लिए आधारशिला पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। वहीं चार से छह वर्ष तक के लिए नवचेतना सिलेबस है। इसे अप्रैल 2025 से हर आंगनबाड़ी केंद्र में लागू किया जाएगा। नये सत्र अप्रैल 2025 से आंगनबाड़़ी केंद्र से निकले सभी बच्चे प्राथमिक विद्यालय में नामांकित होंगे। आंगनबाड़ी केंद्र के सभी बच्चों के अभिभावकों को इसकी सूचना दी जाएगी।
20% तक बच्चे हो जाते हैं हर साल ड्रापआउट
आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चें अब ड्रापआउट नहीं हो, वो आगे की पढ़ाई के लिए प्राथमिक स्कूल में नामांकित हो। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिक स्कूल से टैग किया गया है। आईसीडीएस की मानें तो हर साल 15 से 20 फीसदी बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र से निकलने के बाद स्कूल नहीं जाते थे। लेकिन, प्राथमिक स्कूल से टैग होने के बाद यह नहीं हो पाएंगा।
सेविका और सहायिका को दिया जा रहा प्रशिक्षण
नवचेतना और आधारशिला पाठ्यक्रम को समझने और उसे रूटीन के अनुसार पढ़ाने के लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका और सहायिका को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह फरवरी तक चलेगा। इसके लिए आईसीडीएस ने प्रशिक्षक की टीम तैयार की है। आईसीडीएस बिहार के निदेशक कौशल किशोर ने बताया कि राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्र को प्राथमिक स्कूल से टैग कर दिया गया है। अब आंगनबाड़ी केंद्र से कोई भी बच्चा ड्रापआउट नहीं हो पाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत नया पाठ्यक्रम भी तैयार कर लिया गया है।