बिहार को मोदी का एक और तोहफा, शिवराज बोले- मखाना और लीची का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलेंगे
बिहार में कृषि उत्पादों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोला जाएगा। जिसका निर्माण जल्द होगा। इसका ऐलान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने किया। उन्होने कहा कि राज्य में मखाना, मशरूम, शहद, केला, लीची की अच्छी पैदावार होती है। इसके लिए बिहार ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मांग की है।
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पटना के कृषि भवन में किसानों से संवाद के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा कि जल्द बिहार में कृषि उत्पादों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण किया जाएगा। उन्होने कहा कि राज्य में मखाना, मशरूम, शहद, केला, लीची की अच्छी पैदावार होती है। इसके लिए बिहार ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मांग की है। केंद्र सरकार उस पर गंभीरता से विचार करेगा और फिर इसका निर्माण किया जाएगा। ऐसे में अब बिहार को पीएम मोदी का एक और तोहफा मिलने वाला है।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि राज्य में मखाना की बेहतर खेती हो रही है, एक्सपोर्ट क्वालिटी के मखाने का उत्पादन हो रहा है। मखाना का एक्सपोर्ट कार्यालय खुलने से किसानों को मखाना का उचित दाम मिलेगा। अच्छे बीज का उत्पादन बिहार में ही हो, इसका प्रयास करेंगे। शिवराज ने कहा कि बिहार का मखाना, कतरनी चावल, मगही पान, मक्का, चाय उत्तम क्लालिटी की है। बिहार में मक्का तथा मोटे-पोषक अनाज का उत्पादन बढ़ा है। मक्का के उत्पादन बढ़ने से राज्य की इथेनॉल नीति को प्रोत्साहन मिली है। राज्य में कृषि आधारित प्रसंस्करण इकाइयों और भंडारण की अपार संभावनाएं हैं। शिवराज ने बताया कि 24 फरनरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भागलपुर आएंगे। जहां वो किसान सम्मान निधि का वितरण करेंगे। इसके अलावा कई अन्य योजनाओं का कार्यान्वयन भी करेंगे।
आपको बता दें मखाना की फसल अच्छी होने के बावजूद बाजार में इसकी कीमतें कम नहीं हो रही है। खुदरा बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले मखाना 1400 से 1600 रुपये किलो के बीच बिक रहा है। बीते एक साल से इसकी कीमत एक हजार रुपये किलो से नीचे नहीं उतरी है। जबकि मखाना के खेती का क्षेत्र और उत्पादन दोनों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में राज्य के 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 23 हजार टन मखाना का उत्पादन हुआ था। वहीं यह वित्तीय वर्ष 2023-24 में 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 26 हजार टन मखाना का उत्पादन हुआ है।
बीते वित्तीय वर्ष में मखाना के जोत में 5 हजार हेक्टेयर और उत्पादन में 3 हजार टन की बढ़ोतरी के बावजूद आम लोगों को मखाना ऊंची कीमतों पर खरीदना पड़ रहा है। मखाना के बंपर खेती और उत्पादन के बावजूद मखाना किसानों की हालत खास्ता है। मखाना उत्पादकों को सही कीमत मिले इसके लिए व्यवस्था सुनिश्चत होनी चाहिए और इसके सप्लाई चेन से बिचौलियों को हटाया जाना चाहिए।