रेलवे के इंजीनियर पर सीबीआई का बड़ा एक्शन, चार गिरफ्तार; रेल संपत्ति बेचकर करोड़ों बनाया
पंडित दीनदयाल उपाध्याय-गया रेलखंड पर सीबीआई व रेल विजलेंस कि अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। छापेमारी में सीबीआई की टीम को करोड़ों रुपए लेनदेन समेत कई अवैध कार्यों के प्रमाण मिलने की बात कही जा रही है।

बिहार के डेहरी में तैनात रेल अधिकारी द्वारा करोड़ों रुपए के रेलवे की सामग्री को चोरी कर बिक्री करने व अवैध तरीके से करोड़ों रुपए की कमाई की सूचना पर पटना से आई सीबीआई की टीम ने रेल विजलेंस की टीम के साथ मिलकर डेहरी और औरंगाबाद के सोननगर के रेल कार्यालय पर छापेमारी कर एक रेल अधिकारी समेत तीन रेल कर्मियों को गिरफ्तार कर अपने साथ पटना ले गई है। इस पर रेल संपत्ति को कबाड़ में बेचकर करोड़ों की अवैध कमाई करने का आरोप है। सीबीआई जांच में आरोप सत्य पाय जाने पर यह कार्रवाई की गयी है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय-गया रेलखंड पर सीबीआई व रेल विजलेंस कि अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। छापेमारी में सीबीआई की टीम को करोड़ों रुपए लेनदेन समेत कई अवैध कार्यों के प्रमाण मिलने की बात कही जा रही है। गिरफ्तार रेल अधिकारी राजकुमार सिंह वर्तमान में पूर्व मध्य रेल के डेहरी स्थित पथ निर्माण कार्यालय में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के रूप में पदस्थापित हैं। इसी वर्ष जनवरी माह में पटना के दानापुर से तबादला होकर डेहरी सीनियर सेक्शन इंजीनियर के रूप में पदभार संभाला था। आरोप है कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर के रूप में राजकुमार सिंह द्वारा दानापुर से लेकर डेहरी तक करोड़ों रुपए के रेल संपत्ति की बिक्री कर दी। जिसकी शिकायत सीबीआई की पटना टीम को दो माह पूर्व ही मिल गई थी।
साढ़े आठ टन रेल सामग्री जब्त
सीबीआई के हत्थे चढ़े सेक्शन इंजीनियर राजकुमार सिंह समेत अन्य तीन रेल कर्मियों ने सीबीआई की टीम को कई अहम जानकारी दी थी। जिसके बाद रेल पुलिस की टीम ने सोन नगर के समीप एक ट्रक पर लदा साढ़े आठ टन रेल सामग्री को जप्त किया है। रेल पुलिस के अनुसार गुरुवार को ही सेक्शन इंजीनियर ने स्वयं रेल सामग्री से भरे ट्रक को धर्मकांटा पर कांटा कराया था। और शुक्रवार को अन्यत्र के लिए जाने वाला था।
नाटकीय तरीके से धराया
रेल संपति की खरीद-बिक्री में मिले पैसा का प्रयोग कहां-कहां किस रूप में हो रहा था, इसकी खबर भी सीबीआई टीम को थी। यही नहीं सीनियर सेक्शन इंजीनियर द्वारा कमाई की मोटी रकम अपने रेल सहकर्मी गिरफ्तार विनोद कुमार के खाते में रखता था। जिसकी जानकारी सीबीआई को मिल चुकी थी। यही कारण है कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की टीम ने रेलकर्मी विनोद कुमार को भी डेहरी रेल परिसर से नाटकीय तरीके से गिरफ्तार कर लिया। बताते हैं कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर का स्टोर सोननगर में था। जहां संविदा कर्मी भीम कुमार की भूमिका भी इस अवैध कार्य में थी।
दिन के उजाले में बेचते थे रेल प्रॉपर्टी
रेल कर्मियों का मानना था कि दिन के उजाले में ट्रकों में रेल संपत्तियों को भरकर अन्य स्थानों पर बिक्री के लिए भेजा जाता था। कई विभागों के रेल अधिकारी यह समझते थे कि किसी कार्य के लिए रेलवे संपत्ति को यहां से अन्यत्र भेजा जाता है। लेकिन, जब सेक्शन इंजीनियर के साथ अन्य रेलकर्मी की गिरफ्तारी हुई तब मामले का खुलासा हुआ है। सीबीआई मामले और छानबीन कर रही है।
स्थानीय आरपीएफ की मदद से पकड़ा
सीबीआई की टीम ने स्थानीय आरपीएफ टीम की मदद से गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावे एक अन्य रेलकर्मी की भी गिरफ्तारी हुई है। हालांकि पटना से एसबीआई टीम या रेलवे विजलेंस के अधिकारियों ने मीडिया को कुछ भी बताने से इनकार किया है। डेहरी के आरपीएफ इंस्पेक्टर रामविलास राम का कहना है कि सीबीआई टीम और रेलवे विजलेंस की टीम आई थी। उनके द्वारा मांगे गए सहयोग के आधार पर आरपीएफ की टीम द्वारा कार्रवाई में सहयोग किया गया है।