CM नीतीश की इस योजना का लाभ लेकर नहीं दिए पैसे, 900 से ज्यादा छात्रों पर केस दर्ज
मुख्यमंत्री स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से लाभान्वित वर्ष 2016 -2020 तक में दो हजार छात्र डिफाल्टर हो गए हैं। वैसे छात्र जिन्होंने शिक्षा पूरी करने के एक वर्ष बाद किस्त जमा नहीं किया है, एक हजार चार सौ छात्रों के घर पर नोटिस भेज दिया गया है।
बिहार में 900 से ज्यादा वैसे छात्रों पर केस दर्ज किया गया है जिन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक अहम योजना के तहल लोन लेने के बाद पैसे नहीं चुकाए। दरअलस बेगूसराय जिले में मुख्यमंत्री स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लाभान्वित 925 छात्रों पर नीलामी केस दर्ज किया गया है। बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम बेगूसराय के सहायक प्रबंधक अजय कुमार राय ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना में शामिल आर्थिक हल युवाओं को बल के अंतर्गत मुख्यमंत्री स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत तीन या चार वर्षीय तकनीकी शिक्षा के लिए ऋण दिया गया है। मुख्यमंत्री स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से लाभान्वित वर्ष 2016 -2020 तक में दो हजार छात्र डिफाल्टर हो गए हैं। वैसे छात्र जिन्होंने शिक्षा पूरी करने के एक वर्ष बाद किस्त जमा नहीं किया है, एक हजार चार सौ छात्रों के घर पर नोटिस भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि 198 वैसे छात्रों को राहत दी गयी है, जो तकनीकी शिक्षा पूरी करने के बाद बेरोजगार हैं या उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसकापथ पत्र जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में प्रत्येक छह माह पर जमा किया जाता है। कोर्स माप्त होने के एक वर्ष बाद ईमेल पर नोटिस भेजा जाता है। ईमेल के द्वारा पहुंच बार नोटिस देने के बाद रजिस्टर डाक से अंतिम नोटिस दिया जाता है। रजिस्टर डाक से भेजे गए नोटिस के बाद जो छात्र नजरअंदाज करते हैं उनके ऊपर नीलामी बाद दायर किया जाता है।
बताया कि जो छात्र नियमित पढ़ाई करते हैं, उन्हें किस्त की सुविधा मिलती है। दो लाख से कम ऋण है तो 5 वर्ष में 60 किस्त किस्त देना होता है। चार लाख के ऋण को 84 किस्त में भुगतान करना पड़ता है। कोर्स पूर्ण होने से पहले पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों को किस्त की सुविधा से वंचित कर दिया जाता है, उन्हें एकमुश्त ऋण का भुगतान करना पड़ता है। जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र के प्रबंधक बाबू सर्वजीत अकेला ने बताया कि वर्ष 2023 में 2514 छात्रों को लोन दिया गया वर्ष 2024 में 26 42 छात्रों को तकनीकी शिक्षा के लिए लोन देने का प्रावधान है। इसमें 22 00 छात्रों का ऋण स्वीकृत हो गया है। छात्रों से ऋण वसूली के मामले में बेगूसराय बिहार में प्रथम एवं पटना दूसरे स्थान है।