तथ्यों की पुष्टि के बगैर दर्ज कर लिया केस, कोर्ट से राहत मांग रहे संजीव हंस को झटका
आवेदक की ओर से अधिवक्ता सूरज समदर्शी ने एसवीयू थाने में दर्ज केस को रद्द करने की गुहार कोर्ट से लगाई। उनका कहना था कि हाल के दिनों में हाईकोर्ट ने दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में दर्ज केस को निरस्त कर दिया है।
पटना हाई कोर्ट से आईएएस अधिकारी संजीव हंस को फिलहाल राहत नहीं मिली है। उनके खिलाफ विशेष निगरानी (एसवीयू) इकाई में दर्ज केस पर रोक लगाने से कोर्ट ने इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल के एकलपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए एसवीयू को आपत्ति दाखिल करने का आदेश दिया है।
आवेदक की ओर से अधिवक्ता सूरज समदर्शी ने एसवीयू थाने में दर्ज केस को रद्द करने की गुहार कोर्ट से लगाई। उनका कहना था कि हाल के दिनों में हाईकोर्ट ने दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में दर्ज केस को निरस्त कर दिया है। इस केस के दौरान ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच की। उनका कहना था कि बगैर तथ्यों की पुष्टि किए ईडी की जानकारी पर एसवीयू ने केस दर्ज कर लिया।
उन्होंने फिलहाल इस केस में अंतरिम संरक्षण देने की गुहार लगाई। वहीं विशेष एसवीयू के वकील राणा विक्रम सिंह और राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता सुमन कुमार झा ने अर्जी का कड़ा विरोध करते हुए अपना जवाब- दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 13 नवंबर तय की।