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ओलंपियाड से छात्रों के कैरियर को मिलती है नई उड़ान

हिन्दुस्तान ओलंपियाड एक अनूठी पहल है जो बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रारंभिक स्तर पर तैयार करता है। इस ओलंपियाड के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है, जिससे छात्रों में उत्साह है। शिक्षाविदों ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरSun, 15 Sep 2024 02:56 PM
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युवा के लिए ------------ अनूठी पहल कई शिक्षाविदों ने हिन्दुस्तान ओलंपियाड को बताया सराहनीय कदम प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बच्चों की प्रतिभा को संवारता है अखबार बक्सर, हिन्दुस्तान टीम। आमतौर पर दसवीं के बाद ही बच्चों को पहली बार प्रतियोगिता परीक्षा का सामना करना पड़ता हैं। जबकि, हिन्दुस्तान ओलंपियाड के माध्यम से बच्चों को शुरुआती दौर में ही स्कूल स्तर से ही ऐसे प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने का अवसर मिल जाता है। हिन्दुस्तान की ओर से आयोजित होने वाले विश्व के सबसे बड़े ओलंपियाड के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। इसे लेकर छात्रों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़कर इसके लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। जिले के कई दर्जन से अधिक विद्यालयों में रजिस्ट्रेशन प्रारंभ कर दिया गया है। रजिस्ट्रेशन के बाद से ही हिन्दुस्तान ओलंपियाड की तैयारी में छात्र जुट गए हैं। जिले के विभिन्न विद्यालय और शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राएं इसमें भाग लेने के लिए तत्पर दिख रहे हैं। आपके प्रिय अखबार हिन्दुस्तान समाचार की वह अनूठी पहल है। जिसमें भाग लेकर छात्र प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी अपने आपको तैयार कर सकते हैं। बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में ओलंपियाड की भूमिका महत्वपूर्ण है। जिले के कई शिक्षाविदों ने बताया कि बच्चों को अपनी तैयारी को आंकने में हिन्दुस्तान ओलंपियाड काफी मदद करता है। हिन्दुस्तान की पहल की सराहना भी की है। प्रतियोगी परीक्षाओं का स्वरूप कैसा होता है, यह समस्या बच्चों में आम है। हिन्दुस्तान ओलंपियाड के जरिये बच्चों की यह समस्या दूर होती है। हर क्षेत्र से जुड़े सवाल होने से बच्चों को अपनी तैयारी व जानकारी का आकलन का मौका मिलता है। फ़ोटो नंबर 01 - दीपक कुमार सिंह, निदेशक, ज्ञान ज्योति पब्लिक स्कूल टेन प्लस टू, रूपसागर हिन्दुस्तान आलंपियाड में छात्रों के भाग लेने से अन्य परीक्षाओं को लेकर उत्सुकता बढ़ेगी। बच्चों के तरक्की के रास्ते भी खुलेंगे। खासकर ग्रामीण बच्चों के लिए भी जरूरी है। हिन्दुस्तान की यह सराहनीय पहल है। छात्रों को इसमे भाग लेना चाहिए। फ़ोटो नंबर 02 - रौशन श्रीवास्तव, प्रिंसिपल, एकेडमिक ग्लोबल स्कूल, 11 नं. लख, बक्सर हिन्दुस्तान ओलंपियाड से बच्चों में प्रतिस्पर्द्धा की भावना जागृत होती है। साथ ही आगे की प्रतियोगी परीक्षा को लेकर खुद को तैयार करने की भावना उत्पन्न होती है। स्कूल के साथ अभिभावक का भी सहयोग मिलना चाहिए। फ़ोटो नंबर 03 - मोहित प्रधान, निदेशक, ग्रीन बेल्स पब्लिक स्कूल, छोटका ढकाइच शुरूआत से ही बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करें तो आगे मुश्किल नहीं आती है। हिन्दुस्तान ओलंपियाड इस कड़ी में मील का पत्थर साबित हो सकता है। छोटे बच्चे भी इसके लिए बेहतर तैयारी कर सकते हैं। फ़ोटो नंबर 04 - केसी पाठक, प्रिंसिपल, डीएवी, नियर बीएमपी कैंपस नंदन डेरा, डुमरांव बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ ही व्यावहारिक ज्ञान होना भी जरूरी है। हिन्दुस्तान ओलंपियाड के जरिये बच्चों के अधिगम स्तर का पता चलता है। कोर्स को कितने बच्चों ने समझा है। यह हिन्दुस्तान ओलंपियाड से पता चलता है। फ़ोटो नंबर 05 - डॉ. रमेश सिंह, निदेशक, संत जॉन सेकेंडरी स्कूल टेन प्लस टू, काली नगर, डुमरांव ओलंपियाड की परीक्षा से छात्रों को काफी फायदा होता है। इसमें पूछे जाने वाले सवाल काफी स्तरीय होते हैं। इससे छात्रों की परीक्षा की तैयारी हो जाती है। परीक्षा की दृष्टि से ओलंपियाड लाभप्रद है। इसका लाभ छात्रों को जरूर लेना चाहिए। फ़ोटो नंबर 06- डॉ. प्रदीप कुमार पाठक, निदेशक, हेरिटेज स्कूल टेन प्लस टू, अर्जुनपुर, बक्सर ओलंपियाड जैसी परीक्षाएं बच्चों के लिए मोटिवेशन का काम करती है। इससे उनमें प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने का आत्मविश्वास आता है। प्रतिस्पर्द्धा की भावना मजबूत होती है। हिन्दुस्तान ने यह आयोजन कर बच्चों को बेहतर मंच दिया है। फ़ोटो नंबर 07 - प्रतीक कुमार चतुर्वेदी, प्रिंसिपल, फाउंडेशन स्कूल, डुमरांव हिन्दुस्तान ओलंपियाड विद्यार्थियों की योग्यता निखारने का शानदार मंच है। स्कूल की पढ़ाई व गतिविधियां बच्चों की जमीन तैयार करती है। विद्यार्थी की नींव तैयार करने में हिन्दुस्तान ओलंपियाड महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फ़ोटो नंबर 08 - राजीव कुमार, प्रिंसिपल, द लीजेंड स्कूल, डुमरांव बच्चों के भीतर छिपी प्रतिभा को परखने का हिन्दुस्तान ओलंपियाड एक बेहतर अवसर देता है। ग्रामीण व शहरी सभी क्षेत्र के बच्चों को इसमें जरूर शामिल होना चाहिए। शिक्षक व अभिाभावक को बच्चों को इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। फ़ोटो नंबर 09 - संजीव कुमार सिंह, निदेशक, लीजेंड स्कूल, डुमरांव हिन्दुस्तान ओलंपियाड के माध्यम से बच्चों को कुछ नया करने का मौका मिलता है। इसमें बच्चों को पैटर्न मिलता है, उससे कक्षा के अनुसार सारे विषय शामिल हो जाते हैं। इसमें शामिल होने के लिए बच्चों को प्रेरित करना चाहिए। फ़ोटो नंबर 10 - सरोज कुमार सिंह, प्रिंसिपल, बिहार सेंट्रल स्कूल, बाईपास रोड, बक्सर हिन्दुस्तान ओलंपियाड की परीक्षा के लिए बच्चों ने तैयारी अभी से ही शुरू कर दी है। ओलंपियाड की परीक्षा को लेकर छात्रों में काफी उत्साह दिख रहा है। रजिस्ट्रेशन के साथ ही बच्चों ने तैयारी शुरू कर दी है। बच्चों के लिए अच्छा अवसर है। फ़ोटो नंबर 11 - डॉ. मुकेश रंजन सिंह, प्रिंसिपल, सेठ एम.आर जयपुरिया स्कूल, डुमरांव प्रतियोगी परीक्षाओं का स्वरूप कैसा होता है यह समस्या बच्चों में आम है। हिन्दुस्तान ओलंपियाड में शामिल होने से बच्चों में यह समस्या करीब-करीब दूर हो जाती है। हर विषय से जुड़े सवाल होने से बच्चों को गाइडलाइन मिल जाती है। फ़ोटो नंबर 12 - विशाल कुमार, निदेशक पीएल पब्लिक स्कूल, ब्रह्मपुर

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