आलीशान भवन बना दिया पर इलाज करना भूल गए; भागलपुर के इस सरकारी अस्पताल की क्या है कहानी?
स्वास्थ्य विभाग ने बिहार के भागलपुर में गंभीर रोगों से लेकर बच्चों तक के इलाज के लिए एक से एक बेहतरीन इंतजाम किए। करोड़ों के भवन बनाकर तैयार कर दिया गया। लेकिन विभाग इलाज करना शायद भूल गये हैं। इलाज के ये बड़े अस्पताल में तीन मायागंज अस्पताल में तो एक सदर अस्पताल में है।
स्वास्थ्य विभाग ने बिहार के भागलपुर में गंभीर रोगों से लेकर बच्चों तक के इलाज के लिए एक से एक बेहतरीन इंतजाम किए। करोड़ों के भवन बनाकर तैयार कर दिया गया। लेकिन विभाग इलाज करना शायद भूल गये हैं। इलाज के ये बड़े अस्पताल में तीन मायागंज अस्पताल में तो एक सदर अस्पताल में है। एक अस्पताल की बिल्डिंग में लगने के लिए खरीदी गई करोड़ों की मशीनें अब तो गारंटी गंवाने के कगार पर आ गई हैं।
सदर अस्पताल परिसर में 22 करोड़ 83 लाख रुपये की लागत से 100 बेड का मॉडल अस्पताल तैयार है। इसका उद्घाटन बीते छह सितंबर को पटना में सीएम नीतीश कुमार ने किया था। प्रभारी डॉ. राजू कहते हैं कि लिफ्ट अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है। इसके तैयार होने के बाद शुरू करा दिया जाएगा। वहीं करोड़ों की लागत से मायागंज अस्पताल में 100 बेड का एमसीएच यानी मातृ एवं शिशु अस्पताल खुला है। बच्चों के लिए पीकू वार्ड इस बिल्डिंग में तैयार ही नहीं है।
सुपर स्पेशियलिटी में सिर्फ जांची जा रही है नब्ज
200 करोड़ की लागत से इस हॉस्पिटल का उद्घाटन भी छह सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने बड़े ही धूमधाम से किया। इस हॉस्पिटल में दिल, दिमाग व किडनी के मरीजों का न केवल जांच-इलाज बल्कि ऑपरेशन तक की सुविधा होनी चाहिए। लेकिन आज की तारीख में इस अस्पताल में 10 डॉक्टर मिलकर हृदय रोग, किडनी रोग, मस्तिष्क रोग व प्लास्टिक सर्जरी के ओपीडी चला रहे हैं।
पांच साल से खोज रही अपने उद्धारकों की राह
मायागंज अस्पताल परिसर में डिस्ट्रिक अर्ली इंटरवेंशन सेंटर की बिल्डिंग बीते पांच साल (दिसंबर 2019) से बनकर तैयार है। इस सेंटर में बने ओपीडी रूम में बहरेपन, गूंगापन, मानसिक-शारीरिक अपंगता व विक्षिप्तता के शिकार बच्चों का इलाज होगा। बीते पांच साल में इस बिल्डिंग में केवल एक काम हुआ, वह कोरोना का टीकाकरण। बिल्डिंग बीते पांच साल से अपने दिन बहुरने का इंतजार कर रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने जिले में गंभीर रोगों से लेकर बच्चों तक के इलाज के लिए एक से एक बेहतरीन इंतजाम किए। करोड़ों के भवन तैयार हैं। लेकिन इलाज करना शायद भूल गये हैं। इलाज के ये बड़े अस्पताल में तीन मायागंज अस्पताल में तो एक सदर अस्पताल में है। एक अस्पताल की बिल्डिंग में लगने के लिए खरीदी गई करोड़ों की मशीनें अब तो गारंटी गंवाने के कगार पर आ गई हैं।
सदर अस्पताल परिसर में 22 करोड़ 83 लाख रुपये की लागत से 100 बेड का मॉडल अस्पताल तैयार है। इसका उद्घाटन बीते छह सितंबर को पटना में सीएम नीतीश कुमार ने किया था। प्रभारी डॉ. राजू कहते हैं कि लिफ्ट अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है। इसके तैयार होने के बाद शुरू करा दिया जाएगा। वहीं करोड़ों की लागत से मायागंज अस्पताल में 100 बेड का एमसीएच यानी मातृ एवं शिशु अस्पताल खुला है। बच्चों के लिए पीकू वार्ड इस बिल्डिंग में तैयार ही नहीं है।