BPSC टीचर भर्ती; बिहार में दूसरे राज्य के 268 दिव्यांग सामान्य श्रेणी में बन गये शिक्षक, RTI से पर्दाफाश
आरटीआई दाखिल किए जाने के बाद सरकार से मिले जवाब को लेकर कई शिक्षक अभ्यथियों में आक्रोश है। कुछ शिक्षक अभ्यर्थियों ने बताया कि आरटीआई के तहत कक्षा एक से पांच तक में सामान्य श्रेणी में बहाल ऐसे दिव्यांग अभ्यर्थियों की संख्या मांगी गई थी, जिनकी बहाली सामान्य श्रेणी में हुई है।
बिहार में पिछले लगभग एक साल में पांच लाख से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती हुई। इससे सरकार के स्कूलों में शिक्षक छात्र अनुपात में काफी सुधार हुआ है। लेकिन बहाली में एक चौंकाने वाले तथ्य का खुलासा हुआ है। बिहार लोक सेवा आयोग, बीपीएससी की तरफ आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा टीआरई 1 में दूसरे राज्यों के दिव्यांगों को सामान्य श्रेणी में बहाल कर दिया गया। सूचना के अधिकार के तहत बिहार लोक सेवा आयोग ने ऐसे शिक्षकों की संख्या बताई है। दूसरे राज्यों के 268 दिव्यांगों को सामान्य श्रेणी में नौकरी दी गई है। इनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थी हैं।
आरटीआई दाखिल किए जाने के बाद आयोग से मिले जवाब को लेकर कई शिक्षक अभ्यथियों में आक्रोश है। कुछ शिक्षक अभ्यर्थियों ने बताया कि आरटीआई के तहत कक्षा एक से पांच तक में सामान्य श्रेणी में बहाल ऐसे दिव्यांग अभ्यर्थियों की संख्या मांगी गई थी, जिनकी बहाली सामान्य श्रेणी में हुई है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि इस बहाली में ऐसे लोग भी शिक्षक बन गये हैं, जिनका सत्र भी पूरा नहीं हुआ है। कई अन्य गड़बड़ियों के भी आरोप लगाए गए हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा काम करते हुए बिहार के अभ्यर्थियों की हकमारी की गयी है।
बहाली को लेकर अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षक बहाली में चार प्रतिशत दिव्यांग के लिए सीट आरक्षित है और वह सिर्फ बिहार के छात्रों के लिए है। लेकिन, दूसरे राज्यों के दिव्यांग छात्रों को सामान्य श्रेणी में बहाल कर बिहार के छात्रों के साथ अन्याय किया गया है। दूसरे राज्यों से जिन 268 शिक्षक अभ्यर्थियों की बहाली की गई है वह ऑर्थोपेडिक हैंडिकैप की श्रेणी में हैं। इससे पहले भी आरटीआई के जवाब में बिहार लोक सेवा आयोग ने बताया था कि भाषा की परीक्षा में फेल 30 शिक्षक भी शिक्षक भर्ती परीक्षा में बहाल हुए हैं। ताजा मामले में जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है।