मर्यादा तार-तार! अमित शाह पर लालू भड़के तो सम्राट चौधरी ने क्या-क्या नहीं कह दिया
सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव अमित शाह के बारे में क्या बोलेंगे। वे खुद चारा घोटाले में दोषी साबित हो चुके हैं। उन्होंने बिहार के खजाने से बिहार के गरीबों के हक का पैसा वे खा गए। लू प्रसाद जैसे लोग जहां भी रहेंगे वह राज्य कभी आगे नहीं बढ़ सकता है।
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान से राजनीतिक बवंडर उठ खड़ा हुआ है। आंबेडकर के अपमान का आरोप लगा कर राजद और कांग्रेस भाजपा को घेर रही है। जदयू और बीजेपी भी कमर कसकर बचाव में उतर आई है। दोनों तरफ से भाषाई मर्यादा तार-तार हो रही है। विवादित और असंसदीय उपमाओं का इस्तेमाल हो रहा है। गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू यादव ने अमर्यादित बयान दिया तो पलटवार में डिप्टी सीएम और बीजेपी के बड़े नेता सम्राट चौधरी ने भी लालू यादव के लिए अससंदीय शब्द का प्रयोग कर दिया।
पटना में पत्रकारों से बात करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव अमित शाह के बारे में क्या बोलेंगे। वे खुद चारा घोटाले में दोषी साबित हो चुके हैं। उन्होंने बिहार के खजाने से बिहार के गरीबों के हक का पैसा वे खा गए। लालू यादव पंजीकृत अपराधी होकर देश के गृह मंत्री के लिए गलत शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। लालू प्रसाद जैसे लोग जहां भी रहेंगे वह राज्य कभी आगे नहीं बढ़ सकता है। यह बिहार का दुर्भाग्य है कि लालू जैसे राजनेता को बिहार के लोगों को झेलना पड़ता है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद जी खुद को बीमार बताकर जेल से जमानत पर बाहर निकले। लेकिन बाहर आकर वे राजनीति कर रहे हैं और लोगों को गाली देने का काम कर रहे हैं। यह दुर्भाग्य है कि बिहार री राजनीति में लालू प्रसाद एक भद्दा दाग हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा कोई पार्टी बाबा साहेब आंबेडकर का सम्मान नहीं कर सकती है। उनका सपना सिर्फ नरेंद्र मोदी ही पूरा कर सकते हैं। लालू जी नब्बे में कहते थे कि रानी के पेट से राजा पैदा नहीं होगा। लालू जी ने पहले रानी लाया, फिर राजकुमार लाए, फिर राजकुमारी लाए, अब पता नहीं किसे लाएंगे।
इधर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने भी लालू यादव के विवादित बोल के लिए हमला किया। उन्होंने कहा कि फ्रस्ट्रेशन में हैं और हार की खीझ निकाल रहे हैं। पहले तो शारीरिक तौर पर बीमार थे अब मानसिक रूप से बीमार हो चुके हैं। कोई स्वस्थ व्यक्ति गृहमंत्री के लिए कभी इतने बुरे शब्दों का उपयोग नहीं कर सकता।