लालू के पुत्र नहीं होते तो चपरासी भी ना बन पाते, नौकरी देने पर तेजस्वी को BJP की चुनौती
भाजपा नेता ने कहा कि राजद के राजकुमार इन दिनों बिहार के लोगों को नौकरी और रोजगार देने की बात करते हैं। लेकिन सबको पता है कि लालू यादव के बेटे नहीं रहते नौवीं फेल आदमी को शायद चपरासी की नौकरी भी कोई नहीं देता। धन्य मनाओ अपने पिता का।
बिहार में इन दिनों सरकारी नौकरी और रोजगार देने की घोषणाओं की बौछाड़ चल रही है। बीते 15 अगस्त को सीएम नीतीश कुमार ने गांधी मैदान से 12 लाख नौकरी और 34 लाख रोजगार देने का ऐलान किया। बीजेपी और जेडीयू दावा करती है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने लाखों नौकरियां दीं और लाखों की संख्यां में लोगों को नौकरी मिलने वाली है। उधर तेजस्वी यादव समेत आरजेडी के नेता दावा करते नहीं थकते कि राजद जब सरकार में आई तो बिहार के बेरोजगारों को नौकरी मिल पाई। कुल मिलाकर नौकरी देने की क्रेडिट लूटने की जबरदस्त कसरत चल रही है। इस बीच बिहार बीजेपी के अध्यक्ष और नीतीश सरकार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि वे पिता ने नाम पर राजनीति कर रहे हैं। खुद में चपरासी बनने की भी काबिलियत नहीं है।
रविवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल मुजफ्फरपुर के रास्ते मोतिहारी पहुंचे। रास्ते भर उनका जोरदार स्वागत हुआ। मोतिहारी में एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला किया। भाजपा नेता ने कहा कि राजद के राजकुमार इन दिनों बिहार के लोगों को नौकरी और रोजगार देने की बात करते हैं। लेकिन सबको पता है कि लालू यादव के बेटे नहीं रहते नौवीं फेल आदमी को शायद चपरासी की नौकरी भी कोई नहीं देता। धन्य मनाओ अपने पिता का। बाप के नाम पर उनकी राजनीति चल रही है। उन्होंने कहा कि जिसके घर से अपराध और अपहरण का रोजगार चलता था आज वह दूसरों को रोजगार देने की बात करता है।
दिलीप जायसवाल ने बीजेपी विधायकों और सांसदों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे नेता अपने मेहनत और जनता की सेवा की बदौलत चुनाव जीत रहे हैं। राधामोहन सिंह का नाम लेते हए कहा कि वे सात बार मोतिहारी के सांसद बने। दिलीप जायसवाल ने कहा कि मेरे प्रदेश अध्यक्ष बनने पर कुछ लोग लोगों को लगा कि बहुत सीधा सादा आदमी बन गया है। विपक्ष के लोग खुश हो गए लेकिन, मैनें बिना थर्मामीटर के ही विपक्ष का बुखार उतारना शुरू कर दिया है। उन्होंने राजद समेत अन्य विपक्षी नेताओं पर भी जमकर बरसे।
बताते चलें कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नौकरी और रोजगार बड़ा मुद्दा बन गया है। बिहार में पिछले कुछ महीनों में पांच लाख से ज्यादा लोगों को नौकरियां दी गयी हैं। अभी लाखों नौकरी और रोजगार के अवसर पर पाइप लाइन में हैं। चुनाव में जनता का वोट हासिल करने के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच क्रेडिट वार चल रहा है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।