Hindi Newsबिहार न्यूज़BJP played a game by making Buxar Pankaj Singh a minister in Delhi government Understand the connection with Bihar

बक्सर के पंकज सिंह को दिल्ली सरकार में मंत्री बनाकर BJP ने किया खेला! बिहार चुनाव का कनेक्शन समझिए

बीत लोकसभा चुनाव में बक्सर की सीट गंवाने वाली बीजेपी ने बिहार चुनाव को लेकर दिल्ली से दांव चला है। बक्सर के रहने वाले पंकज कुमार सिंह को रेखा गुप्ता के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। वो एकमात्र पूर्वांचली चेहरा है। भाजपा के इस कदम को सियासी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

sandeep हिन्दुस्तान, अरुण कुमार, पटनाFri, 21 Feb 2025 05:37 PM
share Share
Follow Us on
बक्सर के पंकज सिंह को दिल्ली सरकार में मंत्री बनाकर BJP ने किया खेला! बिहार चुनाव का कनेक्शन समझिए

बिहार में इस साल के आखिर में चुनाव होना है। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वाचली मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए दिल्ली से सियासी दांव चला है। बक्सर के पंकज कुमार सिंह को दिल्ली सरकार में मंत्री पद मिला है। विकासपुरी सीट से जीते पकंज सिंह दिल्ली मंत्रिमंडल में एकमात्र पूर्वांचली चेहरा हैं। जिसे भाजपा के रणनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दिल्ली कैबिनेट में मंत्री पद मिलने से बक्सर के लोग भी काफी उत्साहित है। पंकज सिंह का मूल स्थान बिहार में बक्सर है, उन्होंने अपनी शिक्षा बोधगया के मगध विश्वविद्यालय से की। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंकज सिंह ने अपने पैतृक गांव धरौली और बक्सर से अपना जुड़ाव बनाए रखा है।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि पंकज के सियासी प्रमोशन के पीछे कई कारण है, जिसमें इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में हार के बाद शाहाबाद क्षेत्र का बक्सर एनडीए के लिए महत्वपूर्ण है। पिछले साल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रतिनिधित्व वाले वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से बमुश्किल 125 किलोमीटर दूर बक्सर पारंपरिक रूप से भाजपा का गढ़ होने के बावजूद उनके हाथ से फिसल गया।

ये भी पढ़ें:दिल्ली के 6 मंत्रियों में किसकी क्या मजबूती, जिसकी वजह से मिला पावर वाली कुर्सी

2024 से पहले, बीजेपी 1996 के बाद से यहां सिर्फ एक बार हारी थी। राजद के बिहार प्रमुख जगदानंद सिंह ने 2009 में जीत हासिल की थी, और 2024 में उनके बेटे सुधाकर सिंह ने इस उपलब्धि को दोहराया था। हालांकि, बाद में, सुधाकर सिंह के लोकसभा में पहुंचने के कारण हुए उपचुनाव में भाजपा ने राजद से रामगढ़ विधानसभा सीट छीन ली। उपचुनाव से पहले, शाहाबाद क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र विपक्षी दलों के पास थे। तीन राजद (ब्रह्मपुर, रामगढ़ और दिनारा), दो कांग्रेस (राजपुर और बक्सर) और एक सीपीआई-एमएल (डुमरांव) के पास थे। रामगढ़ हारने के बावजूद, छह में से पांच सीटों के साथ विपक्ष इस क्षेत्र में प्रभावी बना हुआ है।

ये भी पढ़ें:पवन सिंह को BJP नेताओं ने पैसे देकर लड़ाया; पूर्व मंत्री आरके सिंह का छलका दर्द

राजनीतिक विश्लेषक डीएम दिवाकर ने कहा कि भाजपा ने पंकज सिंह को चुनने के लिए अपना होमवर्क किया होगा, क्योंकि शाहाबाद क्षेत्र और बक्सर ने पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार में अपनी सीटें कम करने के लिए एनडीए को गंभीर चुनौतियां दी थीं। बक्सर लंबे समय तक भाजपा का गढ़ रहा और इसके पतन का पूरे क्षेत्र पर प्रभाव पड़ा। भाजपा निश्चित रूप से अपनी जमीन दोबारा हासिल करने की कोशिश करेगी और पंकज सिंह के रूप में उसे दो उद्देश्यों की पूर्ति का अवसर नजर आया होगा। लेकिन बिहार चुनाव हमेशा एक अलग खेल होता है, जिसमें कई फैक्टर शामिल होते हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें