अफसर 'यमराज' है, बिहार में अधिकारी नहीं सुनते बात बोले BJP नेता; तेजस्वी ने कसा तंज
हुकुमदेव नारायण यादव ने आगे कहा, ‘इसके बाद मैंने एसडीओ को लिखा तो एसडीओ ने कहा कि ना खाता ना बही जो सीओ कहें वही सही। इसके बाद मैंने डीएम को खत लिखा।'
BJP के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा है कि बिहार में अफसरशाही हावी है। एक न्यूज बेवसाइट से बातचीत में हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि अफसर यहां किसी की नहीं सुनते हैं। बीजेपी नेता का दावा है कि अपने ही गांव में पुल के बंद पड़े स्पैन को खुलवाने के लिए वो अफसरों से कई बार संपर्क कर चुके हैं लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा है। हुकुमदेव नारायण सिंह ने कहा, 'मैं दो बार केंद्रीय मंत्री रहा, 6 बार सांसद बना, 3 बार विधायक चुना गया। बेटा भी अभी बीजेपी एमपी है। फिर भी नीतीश कुमार के अधिकारी नहीं सुनते हैं मेरी बात।'
हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा, 'मेरे गांव में जाएं....उस गांव में मेरा जन्म हुआ, मैं मुखिया बना। मेरे पिताजी स्वतंत्रता सेनानी हैँ। अटल जी के शासनकाल में दरभंगा में मेरा गांव आदर्श गांव बना। गांव में बने पुल के पास दो स्पैन बंद हैं और एक स्पैन खुला है। इसके बाद लोगों ने मुझसे इस बात की शिकायत की थी। तब दरभंगा ब्लॉक के सीओ से मैंने कहा था। वो यहांआए और वो खाने-पीने के बाद बोले कि पानी निकलने का रास्ता है। बाद में वो सीओ भ्रष्टाचार में सस्पेंड भी हो गए।
हुकुमदेव नारायण यादव ने आगे कहा, ‘इसके बाद मैंने एसडीओ को लिखा तो एसडीओ ने कहा कि ना खाता ना बही जो सीओ कहें वही सही। इसके बाद मैंने डीएम को खत लिखा। डीएम ने इसपर रेस्पॉन्स किया और कहा कि हमको भेज दीजिए कागज। लेकिन यहां भी खाता ना बही, जो सीओ और एसडीओ ने कहा वहीं कलेक्टर के लिए सही। इसके बाद मैंने बिहार सरकार को लिखा। लेकिन मंत्री ने भी कलेक्टर की बात को ही सही माना।’
जब बीजेपी नेता से पूछा गया कि क्या बिहार में अफसरशाही हावी है? तब इसपर हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि अभी नीतीश के राज में जो अफसरशाही है वो अफसरशाही नहीं है अफसर यमराज है। किसी एमएलए, एपी की हिम्मत नहीं है कि किसी के खिलाफ बोल दे। हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि मेरे संसद में भाषण की वजह से मुझे इतना सम्मान मिला। लेकिन आज जो सीओ और पंचायत सचिव जो कहते हैं उसी को सिर्फ सच माना जाता है मेरी बातों को नहीं।
हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि आज बिहार में जो शासन है उसमें घोड़े पर सवार घोड़े को हाथ जोड़ कर कहता है कि घोड़ा महाराज बताइए कि आप किधर चलिएगा। नीतीश कुमार ने एक इंजीनियर का पैर छुआ तो बिहार के जनप्रतिनिधियों के नाम पर कलंक है।