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कन्याकुमारी से चलकर राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा पहुंची राजगीर, भव्य स्वागत

कन्याकुमारी से शुरू हुई राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा शनिवार को राजगीर पहुंची। स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया। अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में स्वर्वेद कथा का आयोजन हुआ। यात्रा अब वाराणसी की ओर...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSat, 31 Aug 2024 05:36 PM
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कन्याकुमारी से चलकर राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा पहुंची राजगीर, भव्य स्वागत अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में स्वर्वेद कथा में संतों का हुआ प्रवचन तीन सागरों के संगम स्थल कन्याकुमारी से यात्रा की हुई है शुरूआत तीसरे चरण में बिहार के कई शहरों से होते हुए यात्रा बढ़ेगी वाराणसी की ओर वाराणसी में विहंगम योग संत समाज की स्थापना के शताब्दी समारोह महोत्सव मनेगा फोटो : संकल्प यात्रा : राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में शनिवार को स्वर्वेद कथा का उद्घाटन करते संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज, हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी शरण व अन्य। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। कन्याकुमारी से प्रारंभ राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा शनिवार को जहानाबाद से होते धार्मिक नगरी राजगीर पहुंची। स्थानीय लोगों ने भव्य स्वागत किया। बाद में अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में स्वर्वेद कथा का आयोजन हुआ। तीन सागरों के संगम स्थल कन्याकुमारी से यात्रा की शुरुआत हुई थी। तीसरे चरण में बिहार के कई शहरों से होते हुए यात्रा वाराणसी की ओर बढ़ेगी। विहंगम योग संत समाज की स्थापना का शताब्दी समारोह महोत्सव छह व सात दिसंबर को वाराणसी में मनाया जाएगा। 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के लिए संत कन्याकुमारी से कश्मीर तक की संकल्प यात्रा की जा रही है। राजगीर में कार्यक्रम के बाद यात्रा नवादा के लिए रवाना हो गयी। वहां रात में संत लोग ठहरेंगे। कन्वेंशन सेंटर में शनिवार को संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज, हिलसा विधायक कृष्ण मुरारी शरण व अन्य ने स्वर्वेद कथा का दीप जलाकर उद्घाटन किया। मंगल गान से स्वर्वेद कथा की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि तीसरे चरण में बिहार से शुरू होकर संकल्प यात्रा झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड होते हुए उत्तर प्रदेश तक जाएगी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्वर्वेद महामंदिर धाम के निर्माण के लिए ज्ञान महायज्ञ होगा। 14 हजार किलोमीटर की यात्रा हुई पूरी : संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी ने कहा कि स्वर्वेद कथा अमृत के समान है। आज का दिन ऐतिहासिक है। तीन सागरों के संगम स्थल कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा अनेक राज्यों से होते हुए यहां पहुंची। अब तक देशभर में 14 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी हो चुकी है। एक सप्ताह से बिहार की गौरवशाली धरती पर यह यात्रा जारी है। स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ से अग्नि देव को प्रकट करने जा रहे हैं। सृष्टि के अधिकार से यज्ञ कुंडों में अग्नि प्रवाहित होती रही है। भगवान श्री राम ने स्वयं विश्वामित्र के आश्रम में जाकर यज्ञ की रक्षा के लिए अपनी सेवाएं दी थी। यज्ञ हमारी संस्कृति : यज्ञ ही हमारी संस्कृति है। आर्यावर्त देश भारत कश्मीर से कन्याकुमारी तक ही सीमित नहीं था। आर्यावर्त कहा जाता है तो इसका अर्थ अखंड भारत है। छह और सात दिसंबर को पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ महायज्ञ होगा। साधक और साधिकाओं के संकल्प से हम अखंड भारत का स्वप्न देख रहे हैं। ऐतिहासिक महायज्ञ में लाखों साधक, दंपति यज्ञ को प्रज्वलित करेंगे और राष्ट्र की मंगल कामना का संकल्प दोहराएंगे। जगत के सुख, शांति और संतुष्टि का संकल्प दोहराएंगे, जो हमारे लिए कल्याणकारी है। यात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन भी अलर्ड था। कार्यक्रम में देवकांत कश्यप, नीरज पांडेय, विवेक शास्त्री लाल, बहादुर केसरी, विनोद जी, अंकेश कुमार, सुशीला देवी, नरेंद्र कुमार, दीपमाला सिन्हा, राजा राम, बहन सरोज देवी, सोनू कुमार व अन्य मौजूद थे। यात्रा में शामिल संत सदस्य : बिहार के प्रभारी रामचंद्र तिवारी, सुरेंद्र कुमार सिंह, भुपेंद्र राय, नालंदा जिला के प्रभारी सीताशरण प्रसाद, जनार्दन प्रसाद, वीरेंद्र प्रसाद, कपील प्रसाद, देवकांत कश्यप, राज आर्यन, अजीत कुमार, देवांदा, राजकुमार, उदय राज व अन्य।

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