Nalanda Farmers Embrace Natural Farming 1875 Farmers to Benefit from Economic Support पहल : नालंदा के 15 प्रखंडों के किसान करेंगे प्राकृतिक खेती, Biharsharif Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBiharsharif NewsNalanda Farmers Embrace Natural Farming 1875 Farmers to Benefit from Economic Support

पहल : नालंदा के 15 प्रखंडों के किसान करेंगे प्राकृतिक खेती

पहल : नालंदा के 15 प्रखंडों के किसान करेंगे प्राकृतिक खेतीपहल : नालंदा के 15 प्रखंडों के किसान करेंगे प्राकृतिक खेतीपहल : नालंदा के 15 प्रखंडों के किसान करेंगे प्राकृतिक खेतीपहल : नालंदा के 15...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSat, 10 May 2025 10:59 PM
share Share
Follow Us on
पहल : नालंदा के 15 प्रखंडों के किसान करेंगे प्राकृतिक खेती

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : पहल : नालंदा के 15 प्रखंडों के किसान करेंगे प्राकृतिक खेती चयनित प्रखंडों की 38 पंचायतों को मिलाकर बनाये गये 15 क्लस्टर प्रत्येक प्रखंड में 125 किसानों को बनाया गया 50 हेक्टेयर एक क्लस्टर किसानों को प्रशिक्षण के साथ ही खेती के लिए आर्थिक मदद भी मिलेगी मुख्य बातें : 07 सौ 50 हेक्टेयर में की जाएगी प्राकृतिक विधि से खेती 18 सौ 75 किसानों को जोड़ा जाएगा खेती से 04 हजार रुपए प्रति एकड़ मिलेगी सहायता राशि 125 किसान एक क्लस्टर में होंगे शामिल नालंदा, कार्यालय प्रतिनिधि/रामाशंकर कुमार जैविक कॉरिडोर के माध्यम से जिले के 12 से अधिक प्रखंडों के किसान पिछले कई सालों से आर्गेनिक विधि से खेती कर रहे हैं।

अब नालंदा के अन्नदाता प्राकृतिक खेती से भी जुड़ेंगे। इसके लिए 15 प्रखंडों का चयन किया गया है। प्रत्येक प्रखंड में किसानों का एक क्लस्टर बना है। चयनित किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीके बताये जाएंगे। अच्छी बात यह भी कि खेती के लिए आर्थिक मदद भी दी जाएगी। इसके कई फायदे होंगे। रासायनिक खादों पर से निर्भरता खत्म होगी। गाय के गोबर से तैयार खाद का इस्तेमाल खेती में होगा तो मिट्टी के साथ ही लोगों की सेहत सुधरेगी। खास यह भी कि इसी वर्ष से प्राकृतिक खेती की शुरुआत भी होगी। एक क्लस्टर में 50 हेक्टेयर यानी जिले में कुल 759 एकड़ में खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। चयनित प्रखंडों की 38 पंचायतों को मिलाकर 15 क्लस्टर बनाये गये हैं। एक क्लस्टर (समूह) में अधिकतम 125 किसान यानी कुल 1875 किसान खेती से जुड़ेंगे। अमूमन प्रत्येक प्रखंड में आसपास के दो पंचायतों को मिलाकर तय रकबा के अनुसार क्लस्टर बनाये गये हैं। जबकि, पांच प्रखंडों में तीन-तीन पंचायतें तो एक में चार पंचायतों को मिलाकर क्लस्टर बना है। प्रति एकड़ 4 हजार का अनुदान : किसानों के लिए बड़ी राहत यह कि प्रति एकड़ चार हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। साथ ही प्रत्येक तीन क्लस्टर पर बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर(बीआरसी) बनाये गये हैं। एक बीआरसी को एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। प्राकृतिक खेती की खासियत यह कि गाय के गोबर से उर्वरक तैयार होगा। किसान गोबर, मिट्टी, गुड़ और बेसन से बीजामृत और जीवामृत तैयार करेंगे। खेती में इसी का इस्तेमाल किया जाएगा। 30 जीविका दीदियां बनेंगी ‘कृषि सखी: पंचायत स्तर पर बनाये गये प्रत्येक क्लस्टर में दो जीविका दीदियां ‘कृषि सखी के रूप में काम करेंगी। इन्हें रांची या फरिदाबाद भेजकर जीवामृत, बीजामृत और प्राकृतिक खेती के गुर सिखाये जाएंगे। कृषि सखी मास्टर ट्रेनर के तौर काम करेंगी। अपने क्लस्टर में शामिल किसानों को खेती की बारीकियां बताएंगी। क्या कहते हैं अधिकारी : प्राकृतिक खेती के लिए जिले के 15 प्रखंडों का चयन किया गया है। 38 पंचायतों को मिलाकर 750 हेक्टेयर में खेती की जानी है। 1875 किसानों को क्लस्टर से जोड़ा गया है। चयनित किसानों को प्राकृतिक खेती की हर बारीकियां सिखायी जाएंगी। साथ ही आर्थिक मदद भी मिलेगी। दुर्गा रंजन, नोडल पदाधिकारी, प्राकृतिक खेती प्राकृतिक खेती के लिए चयनित प्रखंड व पंचायत: 1. सरमेरा : इसुआ व हुसैना 2. हरनौत : सबनहुआ, चेरन व डेहरी 3. अस्थावां : मालती व अन्दी 4. बिहारशरीफ : कोरई, तुंगी व छविलापुर 5. सिलाव : गोरावां व नानंद 6. राजगीर : पथरौरा, लोदीपुर व बरनौसा 7. बेन : आंट व एकसारा 8. इस्लामपुर : वेश्वक व मुजफरा 9. परवलपुर : चौसंडा व मई 10. एकंगरसराय : औंगारी, तेल्हाड़ा व मंडाछ 11. हिलसा : जूनियार, कामता व कावा 12. करायपरसुराय : सांध व मकदुमपुर 13. थरथरी : अमेरा, नारायणपुर, अस्ता, थरथरी व कचहरिया 14. चंडी : सालेपुर व गंगौरा 15. नूरसराय : अंधना व अजयपुर। क्या होंगे फायदे: 1. रासायनिक की जगह गोबर से तैयार उर्वरकों का इस्तेमाल। 2. इससे मिट्टी के साथ ही लोगों की सेहत सुधरेगी। 3. खेती में लागत कम आएगी, उपज गुणवत्तापूर्ण मिलेगी।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।