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Bihar Land Survey: जमीन मालिक की हो गई मौत तो भूमि सर्वे में कैसे चढ़ेगा नाम, जान लें नियम

बिहार में चल रहे जमीन सर्वे के दौरान कई भूमि मालिकों को कई तरह की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। जमीन किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर है जिसकी मौत हो चुकी है, तो सर्वे में नाम कैसे चढ़ाया जाएगा। इस बारे में जानकारी यहां दी जा रही है।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तान, पटनाThu, 22 Aug 2024 11:25 AM
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Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे जमीन के सर्वे यानी भूमि सर्वेक्षण को लेकर कई तरह के सवाल लोगों के मन में हैं। अगर किसी जमीन के मालिक की मौत हो चुकी है। ऐसी स्थिति में सर्वे के दौरान जमीन का नाम कैसे चढ़ेगा। अगर आपके पास अपनी पुश्तैनी या विरासत में मिली संपत्ति का के कागज नहीं है तो फिर अपना मालिकाना हक कैसे पेश करेंगे। इन सभी सवालों के जवाब यहां देने की कोशिश की गई है। इनकी मदद से आपको जमीन सर्वे में आसानी होगी।

सरकार के नियमों के मुताबिक जमीन सर्वे में किसी भी मृत व्यक्ति का नाम नहीं चढ़ाया जाएगा। मान लीजिए कि किसी की जमीन का दस्तावेज दादा या परदादा के अलावा किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर है जिनका निधन हो चुका है। ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के जितने वारिस हैं, सभी के नाम सर्वे में चढ़ाए जाएंगे। इसके लिए पंचायत की ग्राम सभा से पारित वंशावली लगानी होगी। साथ ही जमीन मालिक का मृत्यु प्रमाण पत्र भी अनिवार्य है।

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अगर आपकी दादा-परदादा से मिली पैतृक संपत्ति है, जिसका बंटवारा नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में जमीन सर्वे में अलग-अलग नाम नहीं चढ़ाए जाएंगे। दस्तावेज में पहले से जिनका नाम मौजूद है, उनके ही नाम भूमि सर्वे में चढ़ाए जाएंगे। पैतृक संपत्ति का कोर्ट में विवाद चल रहा है तो दस्तावेज में जो अभी मालिक है, उसका नाम सर्वे में चढ़ा दिया जाएगा। कोर्ट केस का नंबर भी दर्ज किया जाएगा। बाद में कोर्ट जब फैसला सुनाएगा, उसके आधार पर संशोधन कर दिया जाएगा।

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ऐसे निकालें डॉक्यूमेंट्स

अगर आपके पास जमीन के कागजात नहीं हैं। जमीन पुश्तैनी है तो खातियान से उसका नाम निकलवा सकते हैं। जमीन की रजिस्ट्री है तो वो सर्वे में लगा सकते हैं। इसके अलावा आपको पंचायत से वंशावली भी बनवाकर देनी होगी। इसके लिए पांच गवाहों की भी जरूरत पड़ेगी। वंशावली पहले से बना रखी है तो अच्छी बात है, नहीं तो अब भी बनवा सकते हैं। रजिस्ट्री नहीं है और खातियान में भी जानकारी नहीं मिल रही है तो जमीन से जुड़ी कोई पुरानी रसीद है तो वो भी सर्वे में मान्य है। यानी कि जमीन आपकी है, इसका कोई एक सबूत आपको सरकार के सामने पेश करना पड़ेगा।

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