पीरपैंती में बिजली घर के लिए कोयला चाहिए, बिहार सरकार की केंद्र से मांग; 3 खत लिखे
बिहार सरकार अब पीरपैंती पावर प्लांट को क्रियान्वित करने में जुट गई है। इसी के आलोक में बिजली कंपनी ने केन्द्र सरकार को तीन अलग-अलग पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट को बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के माध्यम से क्रियान्वित कराया जाएगा।
बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती में बनने वाले बिजली घर के लिए बिहार सरकार ने केन्द्र से कोयले (कोल लिंकेज) की मांग की है। बिजली कंपनी की ओर से लिखे गए पत्र में केन्द्रीय कोयला मंत्रालय से पड़ोसी राज्य झारखंड के राजमहल से कोयला उपलब्ध कराने की मांग की गई है। 2400 मेगावाट की इस इकाई को हर साल 12 मिलियन टन कोयले की जरूरत है। राज्य सरकार ने थर्मल पावर प्लांट के लिए अगले 30 वर्षों के लिए कोयले की मांग की गई है। दरअसल, पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट के लिए इस बार केन्द्रीय बजट में 21 हजार 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
इसके मद्देनजर बिहार सरकार अब पीरपैंती पावर प्लांट को क्रियान्वित करने में जुट गई है। इसी के आलोक में बिजली कंपनी ने केन्द्र सरकार को तीन अलग-अलग पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट को बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के माध्यम से क्रियान्वित कराया जाएगा। पावर प्लांट के लिए बीएसपीजीसीएल ने पहले से 1020 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर रखा है। इसी जमीन पर 800 मेगावाट की तीन इकाई का निर्माण होगा।
इस यूनिट को अगले पांच वर्षों यानी 2029 में शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन इसका निर्माण शुरू करने के पहले कोल लिंकेज का होना जरूरी है। इसके लिए केन्द्रीय कोयला सचिव को पत्र भेजकर कोल लिंकेज की सैद्धांतिक मंजूरी देने की मांग की गई है।
इसी तरह थर्मल पावर प्लांट की निविदा करने के पहले उसकी पर्यावरणीय मंजूरी का भी होना जरूरी है। इसके मद्देनजर बिजली कंपनी ने केन्द्रीय वन मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखा है। कंपनी ने कहा है कि पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट को अविलंब पर्यावरणीय स्वीकृति दी जाए।
सैद्धांतिक मंजूरी के बाद ही पावर प्लांट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पावर प्लांट में बिहार को कितनी बिजली मिलेगी, उसका मॉड्यूल क्या होगा, लागत कौन वहन करेगा आदि के मसलों पर राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से उच्चस्तरीय बैठक करने का भी अनुरोध किया है।
वैसे राज्य सरकार पीरपैंती से 85 फीसदी बिजली लेने का मन बना रही है। इसके लिए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र भेजा गया है। बैठक में बिजली घर के निर्माण से जुड़े सभी विभागों को शामिल होने का अनुरोध किया गया है ताकि सभी मसलों पर निर्णय लिया जा सके।
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