बिहार उपचुनाव: रामगढ़ में RJD पर सीट बचाने तो BJP, BSP पर कब्जाने का चुनौती, जनता का मूड क्या?
राजद के रणनीतिकारों के सामने अपनी सीट पर फिर से काबिज होने की चुनौती है। भाजपा 2015 के इतिहास को दोहराने की जद्दोजहद कर रही है। 2020 के चुनाव में बसपा को यहां से मात्र 189 वोट से हार का सामना करना पड़ा था। इस हार को वह इस बार जीत में तब्दील करने के लिए पसीना बहा रही है।
Bihar Assembly By Election 2024: न कहीं बड़े होर्डिंग। न बड़े नेताओं का शोर। चुनावी गतिविधियां गांव गलियों में नेताओं के आने तक सीमित है। ग्रामीण खेती और पर्व में व्यस्त है। हालांकि प्रमुख पार्टियां अपने किले की रक्षा करने और दूसरे में सेंधमारी की जुगत में जुट गई हैं। एनडीए व इंडिया गठबंधन के अपने समीकरण हैं। इस बार के उपचुनाव में अगर जातीय समीकरण बिखर जाए, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
राजद के रणनीतिकारों के सामने 2020 में जीती हुई अपनी सीट पर फिर से काबिज होने की चुनौती है। भाजपा 2015 के इतिहास को दोहराने की जद्दोजहद कर रही है। 2020 के चुनाव में बसपा को यहां से मात्र 189 वोट से हार का सामना करना पड़ा था। इस हार को वह इस बार जीत में तब्दील करने के लिए पसीना बहा रही है। जन सुराज अपने प्रत्याशी को 2019 के लोकसभा चुनाव में रामगढ़ विस क्षेत्र से मिले मत को प्लस कर जीत में के फिराक में है।
शिक्षा व रोजगार के मुद्दों पर लड़ रहे चुनाव
रामगढ़ में किस मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं के सवाल पर भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह कहते हैं कि शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, कृषि की समस्या को दूर करना मेरी प्राथमिकता होगी। रामगढ़ से परिवारवाद को खत्म करने व भ्रष्टाचारियों से मुक्त कराने का काम करूंगा। गंगा का पानी रामगढ़ तक लाऊंगा। राजद प्रत्याशी अजीत कुमार सिंह ने कहा कि उनका फोकस युवा हैं। जीता तो व्यवसायिक डिग्री कॉलेज खोलवाएंगे। समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे और खेल, शिक्षा, कला के क्षेत्र में युवा विकास करें, इसके लिए काम करूंगा। मेरा ध्यान स्वास्थ्य, कृषि, बिजली, सिंचाई पर भी रहेगा। बसपा प्रत्याशी सतीश कुमार सिंह यादव का कहना है कि वह शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, रोजगार, कृषि उद्योग के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। जन सुराज पार्टी के सुशील कुमार सिंह का कहना है कि चुनाव जीते को विश्वविद्यालय स्थापित कराऊंगा। छात्र, युवा, किसान के मुद्दे पर वह चुनाव लड़ रहे हैं।
इसलिए युवाओं के मुद्दे पर है फोकस
रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में युवाओं की तादाद अधिक है, इसलिए लड़ाके उनके मुद्दों पर फोकस कर रहे हैं। विस क्षेत्र के कुल 289743 मतदाताओं में 18 से 39 आयु वर्ग के 134203 वोटर हैं। इनमें 18 से 19 आयु के 2212 एवं 20 से 29 वर्ष उम्र के 64157 तथा 30 से 39 वर्ष आयु के 67834 युवा मतदाता हैं।
वोटों की गणित इससीट पर मुख्य रूप से राजद, भाजपा व बसपा में मुकाबला होगा। इस मुकाबले में शामिल होने के लिए जन सुराज एड़ी-चोटी एक किए हुए है। राजद व भाजपा प्रत्याशी क्षत्रिय समाज से आते हैं। इस जाति के वोट के बंटने की संभावना जताई जा रही है। राजद माई समीकरण व अन्य बिरादरी के वोट की बदौलत सदन में पहुंचना चाहता है। पर यादव बिरादरी से आने वाले बसपा प्रत्याशी लड़ाई की धार को मोड़कर अपनी जाति का वोट बटोरने की जुगत भिड़ा रहे हैं। भाजपा को अगड़ी व अतिपिछड़ी जाति के अलावा अन्य वोटरों पर भरोसा है। जन सुराज कुशवाहा के अलावा दूसरी पार्टी व जाति के वोट में सेंध लगाने में जुटी है।
राजद विरासत संभालने है की चुनौती
रामगढ़ सीट राजद का मजबूत किला रहा है। यहां से राजद छह बार चुनाव जीता है। अगर अकेले जगदानंद सिंह की बात करें, तो तीन बार राजद, एक बार लोकदल और दो बार जनता दल के टिकट पर वह जीते। जगदानंद सिंह के परिवार के सच्चिदानंद सिंह तीन बार और सुधाकर सिंह जीते। यानी दस बार इस सीट पर सहुका परिवार ने जीत दर्ज की। राजद प्रत्याशी अजीत के भाई सुधाकर सिंह यहां से विधायक थे। बक्सर से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है।
भाजपा 2015 में अशोक ने जीती थी बाजी
अशोक 2015 में भाजपा के टिकट पर यहां से जीते थे। इस उपचुनाव में भी इतिहास दोहराने की फिराक में भाजपा एड़ी-चोटी एक किए हुए है। वर्ष 2020 के चुनाव में भी भाजपा ने अशोक सिंह को प्रत्याशी बनाया था। इन्होंने 56084 मत प्राप्त किया था। जीत का आंकड़ा पार करने में यह 2000 मतों से पिछड़ गए थे।
जन सुराज रणनीतिकार जुटे हैं जीत दिलाने में
बसपा से जन सुराज में आए सुशील कुमार सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव में बक्सर सीट से भाग्य अजमा चुके हैं। इन्होंने 80 हजार वोट पाया था। इसी क्षेत्र में रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र भी आता है। इनकी जीत सुनिश्चित करने को राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर लगातार जनसंपर्क कर लौटे हैं। उनकी टीम यहां काम कर रही है।
रामगढ़ से उम्मीदवार
1. अजीत कुमार सिंह राजद
2. अशोक कुमार सिंह भाजपा
3. सतीश कुमार सिंह यादव बसपा
4. सुशील कुमार सिंह जन सुराज पार्टी
5. राजकुमार राम राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी
बसपा भतीजे की जीत के लिए मशक्कत
वर्ष 2009 व 2010 में हुए चुनाव में राजद के टिकट पर लड़कर अंबिका यादव ने जीत हासिल की थी। वर्ष 2020 में राजद से मात्र 182 वोट से पिछड़ गए। इस बार के उपचुनाव में अंबिका सिंह ने अपने भतीजे अजीत को चुनावी मैदान में उतारा है। चुनाव के अंत तक समीकरण बिगड़-बन सकता है। कहते हैं कि अंबिका यादव जगदानंद सिंह के साथ काफी दिनों तक काम किए हैं। वह उनकी राजनीतिक चाल से भलीभांति परिचित हैं।