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BPSC छात्रों के समर्थन में बिहार में चक्का जाम, प्रशांत किशोर पर भड़के तेजस्वी; साजिश का इल्जाम

तेजस्वी ने कहा, ‘जो ताकत भूख हड़ताल में थी वो कुछ और थी। इस बीपीएससी आंदोलन को कुछ लोगों ने गुमराह करने की कोशिश की। हम भी चाहते थे तो 5 लाख लोगों को गांधी मैदान बुला देते। अपने एक कॉल पर 5 लाख लोगों को बुला देते लेकिन उसका हल नहीं निकलना था।’

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, पटनाMon, 30 Dec 2024 07:59 AM
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बिहार की राजधानी पटना में BPSC छात्रों के प्रदर्शन में जमकर बवाल हुआ। पुलिस की लाठीचार्ज में कुछ छात्र घायल भी हुए हैं। बीपीएससी की परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर छात्र कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। अब आज यानी सोमवार को छात्रों के समर्थन में बिहार में चक्का जाम का ऐलान किया गया है। आइसा ने छात्रों के समर्थन में बंद का ऐलान किया है। इसका समर्थन माले ने भी किया है। इधर एक फेसबुक पोस्ट में राजद नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है। हालांकि, तेजस्वी यादव ने उनका नाम नहीं लिया लेकिन आरोप लगाया कि बीजेपी के इशारे पर उसकी बी टीम के लोगों ने इस आंदोलन को कुचलने की साजिश की है। तेजस्वी यादव ने कहा कि कुछ लोग इस आंदोलन को हाईजैक करना चाहते हैं।

एक फेसबुक पोस्ट में तेजस्वी ने कहा, 'जो ताकत भूख हड़ताल में थी वो कुछ और थी। इस बीपीएससी आंदोलन को कुछ लोगों ने गुमराह करने की कोशिश की। हम भी चाहते थे तो 5 लाख लोगों को गांधी मैदान बुला देते। अपने एक कॉल पर 5 लाख लोगों को बुला देते लेकिन उसका हल नहीं निकलना था। जो शांतिपूर्ंण तरीके से हड़ताल थी उससे बीपीएससी और सरकार हिली हुई थी। लेकिन सरकार ने नया फॉर्मूला निकाला। सरकार की जो बी टीम है उसे आगे खड़ा किया गया और आंदोलन को गांधी मैदान ले जाना पड़ा और जब पिटाई हो रही थी तो कुछ लोग कह रहे थे हम सबसे आगे रहेंगे, वही लोग भाग गए।

इस आंदोलन को खत्म करने की यह साजिश है। हम राजनीति करने नहीं आ रहे हैं। राजनीति करना होता तो हम भी गांधी मैदान में आते। गांधी मैदान में जिस तरह से पिटाई हुई है। लोगों को भटकाया गया है ताकि छात्रों पर एफआईआर हो। एफआईआर होगी तो आपको जेल जाना पड़ेगा, आप परीक्षा में नहीं बैठ सकते। आंदोलन को कमजोर करने के लिए बीजेपी के इशारे पर बी टीम ने काम किया है।'

तेजस्वी यादव ने कहा कि इसके बावजूद हम सभी को हिम्मत और हौसला नहीं खोना है। अगर भूख हड़ताल और आपका धरना गर्दनीबाग में होता तो मुझे पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री को कोई ना कोई ऐक्शन लेना पड़ता। तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से छात्रों से कहा कि वो शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करें। किसी के भी कहने पर भटकने की जरुरत नहीं है। यह आंदोलन किसी पार्टी या नेता का नहीं होगा। यह आंदोलन सिर्फ छात्र-छात्राओं का होना चाहिए। किसी के भी बहकावे में आने की जरुरत नहीं है।

सीएम ने खत का जवाब नहीं दिया - तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने कहा कि बीपीएससी छात्र शांतिपूर्वक गर्दनीबाग में धरना कर रहे थे। सरकार औऱ बीपीएससी दबाव में थी। हमलोगों ने नैतिक तौर पर अभ्यर्थियों का समर्थन किया। 19 दिसंबर को कुछ अभ्यर्थियों ने मुझे वीडियो कॉल कर कहा था कि आप हमारा साथ दीजिए और एक बार हमसे मिलने गर्दनीबाग जरूरी आइए। इसके बाद हम कटिहार से पटना आए और छात्रों से मिलकर उनको समर्थन दिया। मैं एक राजनेता की हैसियत से नहीं बल्कि एक युवा होने के नाते मैं वहां गया था। 22 दिसंबर को हमने दोबारा परीक्षा को लेकर फिर से सीएम को खत लिखा था।

चिट्ठी में छात्रों की सारी बातें थीं लेकिन सीएम का जवाब नहीं आया। 11 दिन से छात्र-छात्राएं ठंड में धरना दे रही थीं। हम सरकार में रहे हैं तो हमको पता है कि आंदोलन को कैसे कुचलना है। बीपीएसी आयोग कुछ नहीं है जो है वो सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। आयोग के अध्यक्ष को किसने बनाया? सीएम नीतीश ने बनाया है। अगर सीएम चाहें तो दो मिनट में आयोग के चेयरमैन को बदल सकते हैं। लेकिन साफ है कि बीपीएससी के चेयरमैन को नहीं बदलना चाहते हैं।

CM पर तेजस्वी का निशाना

तेजस्वी यादव ने छात्रों से अपील की है कि आप उम्मीद मत खोइए। जो दर्द आपने सहा है उसका भी हिसाब होगा लेकिन धैर्य रखने की जरुरत है। शांतिपूर्ण ढंग से कोई भी आंदोलन किया जाना चाहिए। आप से आग्रह है कि सभी लोग अपना नैतिक समर्थन इस आंदोलन को दें। तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री होश में नहीं है। हम जानते हैं तब ही कह रहे हैं कि सीएम होश में नहीं हैं। कितने लोगों पर लाठियां बरसेंगी तब हमारे सीएम जागेंगे। यह जनता की नहीं बल्कि भ्रष्ट अधिकारियों की सरकार है। 20 साल से एक ही सरकार चल रही है। अगर किसी जमीन में खेती होती है तो एक ही ब्रांड का एक ही बीज बोइयेगा कई साल तक तो जमीन भी बंजर होगा और फसल की उपज भी नहीं होगा।

इसका राजनीतिक समाधान निकालने की जरुरत है। ऐसे बिहार चलने वाला नहीं है। अब नया ब्रांड का नया बीज लगाना पड़ेगा ताकि आने वाली फसलें भी अच्छी हो और आने वाली नस्लों का भविष्य भी हम संवारें। तेजस्वी ने कहा कि सरकार यह ना भूले कि यह जेपी की धरती है। हमारे पिता भी उसी क्रांति की उपज है। नीतीश कुमार भी इसी क्रांति से आए हैं।

रविवार को खूब हुआ बवाल

छात्रों के इस आंदोलन में रविवार को जमकर बवाल हुआ था। रविवार को दिन में पहले कई छात्र पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जुटे। इस दौरान जन सुराज से जुड़े लोग भी वहां पहुंचे। दोपहर होते-होते वहां जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी पहुंचे। इसके बाद गांधी मूर्ति के पास छात्र और प्रशांत किशोर के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। हालांकि, प्रशासन ने पहले ही गांधी मैदान में किसी भी तरह की भीड़ जुटाने या धरना प्रदर्शन की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद छात्र वहां जुटे थे। बाद में प्रशांत किशोर के नेतृत्व में छात्रों ने मार्च निकाला।

जेपी गोलंबर के पास इस मार्च के पहुंचने के बाद प्रशांत किशोर वहां से निकल गए। पुलिस छात्रों से लगातार वहां से हटने की अपील करती रही लेकिन छात्रों ने पुलिस की नहीं सुनी। पुलिस से धक्का-मुक्की हुई और फिर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। कुछ छात्रों को चोटें भी आईं। काफी देर तक पटना के जेपी गोलंबर के पास अफरातफरी की स्थिति रही। पुलिस ने इस मामले में प्रशांत किशोर समेत कई लोगों पर केस भी दर्ज किया है।

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