QR कोड से मिलेगा बिहार विधानसभा का टिकट, कांग्रेस ने सभी 243 सीटों पर आवेदन मांगे
कांग्रेस ने बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक टिकट दावेदारों से आवेदन मांगे हैं। पार्टी ने एक QR कोड जारी कर ऑनलाइन फॉर्म के जरिए आवेदन करने को कहा है। इसमें सभी 243 सीटों पर दावेदारों से आवेदन मांगे गए हैं।

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने टिकट पर मंथन शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने हर विधानसभा सीट पर टिकट दावेदारों से आवेदन मांगे हैं। खास बात यह है कि पार्टी ने एक क्यूआर कोड जारी किया है। इसे स्कैन कर कोई भी व्यक्ति कांग्रेस के टिकट के लिए आवेदन कर सकता है। हैरान करने वाली बात यह है कि कांग्रेस ने राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर टिकट दावेदारों से आवेदन मांगे हैं। इससे उसके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और वाम दलों की बेचैनी बढ़ सकती है।
बिहार में कांग्रेस की ओर से हाल ही में एक क्यूआर कोड जारी किया। इसमें लिखा गया कि बिहार परिवर्तन के लिए तैयार है, अगर कोई कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने का इच्छुक है तो वह आवेदन करने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन कर सकता है।
पार्टी अभियान से लेकर सोशल मीडिया तक की जानकारी देनी होगी
क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद एक ऑनलाइन फॉर्म खुल जाएगा। उसमें टिकट आवेदक को अपना नाम, पता, जिला, विधानसभा सीट, मोबाइल नंबर की जानकारी देनी होगी। इसके अलावा हर घर झंडा अभियान, जन आक्रोश मीटिंग और सामुदायिक बैठकों की संख्या बताने के साथ ही उनके फोटो भी अपलोड करने होंगे। पार्टी ने टिकट दावेदारों से उनका बायोडाटा के अलावा फेसबुक एवं इंस्टाग्राम के फोलोअर्स की संख्या भी पूछी है।
महागठबंधन में सीट बंटवारा बाकी, कांग्रेस ने सभी 243 सीटों पर आवेदन मांगे
कांग्रेस ने राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर टिकट दावेदारों से आवेदन मांगे हैं। बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन की अब तक 3 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक आरजेडी, कांग्रेस समेत अन्य घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है। ऐसे में कांग्रेस कितनी और कौन-कौन सी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, यह अभी तय नहीं है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस फिलहाल सभी 243 सीटों पर तैयारी में जुटी है। जिन सीटों पर समीकरण पार्टी के अनुकूल होंगे और दावेदार मजबूत होंगे, उन सीटों के लिए कांग्रेस अपने सहयोगी दलों से अच्छा मोलभाव करेगी। हालांकि, इससे महागठबंधन के अन्य घटक दलों को परेशानी हो सकती है।