महागठबंधन में बेलागंज, इमामगंज, तरारी और रामगढ़ से उपचुनाव लड़ने के लिए चल रहा इनका नाम
- लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने के कारण बिहार विधानसभा की खाली हुई चार सीटों पर उप-चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी है। 13 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। चार सीटों में दो सीट राजद, एक सीपीआई-माले और एक हम विधायक के इस्तीफे से रिक्त हुई है।
बिहार विधानसभा की चार खाली सीटों पर उप-चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा आयोग कर चुका है। 13 नवंबर को बेलागंज, इमामगंज, तरारी और रामगढ़ सीट पर मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना के साथ ही नतीजे आ जाएंगे। जीतनराम मांझी, सुदामा प्रसाद, सुरेंद्र प्रसाद यादव और सुधाकर सिंह के लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनने से ये सीटें खाली हुई हैं। गठबंधन में गिनें तो इंडिया गठबंधन की तीन और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की एक सीट दांव पर है। पार्टियों के हिसाब से देखें तो राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की कब्जे वाली दो, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी-लेनिनिवादी (सीपीआई-एमएल) की एक और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की एक सीट पर उप-चुनाव है।
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने घोषणा कर दी है कि एनडीए के बैनर तले तरारी और रामगढ़ सीट बीजेपी लड़ेगी जबकि बेलागंज जेडीयू और इमामगंज हम लड़ेगी। उन्होंने दावा किया है कि इमामगंज तो उनकी सीट ही थी, बाकी तीन सीट भी उपचुनाव में महागठबंधन से छीन लेंगे। बिहार में महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव बुधवार को ही कार्यकर्ता संवाद यात्रा के दूसरे चरण के लिए बांका गए थे। उनकी दस दिन की यात्रा अब गुरुवार को ही समाप्त हो जाएगी। तेजस्वी को बिहार उपचुनाव और झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए जाना है। संभावना है कि चुनाव के बाद फिर वो यात्रा पर लौटें।
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तेजस्वी यादव गुरुवार देर रात या शुक्रवार को पटना लौटेंगे। महागठबंधन के नेताओं से बातचीत के बिना कैंडिडेट की घोषणा नहीं होगी, ये सही है लेकिन आरजेडी के नेताओं ने साफ कर दिया है कि इस उपचुनाव में कांग्रेस, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) या किसी और सहयोगी दल के लिए कुछ नहीं है। राजद का कहना है कि खाली चार सीटों में तीन पर तो राजद और भाकपा-माले के विधायक थे। एक सीट जो हम की है, वहां आरजेडी ही दूसरे नंबर पर रही थी। इसलिए चार सीटों पर कैंडिडेट की घोषणा असल में राजद और माले के बीच का मामला है।
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महागठबंधन की तरफ से कैंडिडेट के ऐलान से पहले इस समय जो नाम चल रहे हैं, उनमें कोई भी नाम चौंकाने वाला नहीं है। आरजेडी की तीन सीटों को लेकर चर्चा है कि बक्सर सांसद सुधाकर सिंह की छोड़ी रामगढ़ सीट से उनके भाई अजित सिंह चुनाव लड़ेंगे। प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजित जेडीयू से लौटकर आए हैं। जहानाबाद सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव की बेलागंज सीट से उनके बेटे विश्वनाथ यादव को टिकट मिलने की संभावना है।
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गया के सांसद और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की सीट इमामगंज से राजद के पुराने प्रत्याशी और पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी के फिर से लड़ने की अटकल है। इमामगंज सीट पर पूर्व विधायक समता देवी और रौशन मांझी के नाम की भी चर्चा चल रही है। आरा के सांसद सुदामा प्रसाद की तरारी सीट से सीपीआई-माले राजू यादव को लड़ा सकती है जो 2014 और 2019 के चुनाव में आरा लोकसभा सीट से लड़े थे लेकिन दोनों बार हार गए थे।