पूर्व सांसद आनंद मोहन को बड़ी राहत, 17 साल पुराने केस में कोर्ट ने किया बरी, जानें क्या है मामला
पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन को 17 साल पुराने केस में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में राजस्थान के रहने वाले युवक ने मारपीट का मामला दर्ज कराया था।
पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन को दिल्ली की अदालत से बड़ी राहत मिली है। 17 साल पुराने मारपीट के मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। ये मामला दिल्ल स्थित राजस्थान गेस्ट हाउस में राजस्थान के युवक से हुई मारपीट से जुड़ा है। जिसमें मारपीट और उगाही के आरोप लगे थे।
राजस्थान के रहने वाले राजेन्द्र सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। कि आनंद मोहन समेत कई लोगों ने गेस्ट हाउस में उसके साथ मारपीट की है। और जान से मारने की धमकी भी दी थी। ये मामला दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में दर्ज हुआ था। 17 साल पुराने केस में शिकायतकर्ता की मौत हो चुकी है। और उनके पिता अपने बयानों से कोर्ट में मुखर गए। पुखता सबूत और गवाहों के अभाव में कोर्ट ने आनंद मोहन के बरी कर दिया है।
आपको बता दें आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से लोकसभा सांसद हैं। शिवहर से उन्होने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था। और जीत हासिल की थी। वहीं आनंद मोहन की पहचान बिहार में बाहुबली के तौर पर होती है। आनंद मोहन के 14 साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद, उन्हें पिछले साल अप्रैल में बिहार के सहरसा जेल से रिहा किया गया था। बिहार जेल नियमावली में राज्य सरकार ने संशोधन कर, ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवक की हत्या में संलिप्तता रखने वालों की समय पूर्व रिहाई पर लगी पाबंदी हटा दी गई थी।
तेलंगाना के रहने वाले गोपालगंज जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की 1994 में भीड़ ने पीटकर हत्या कर दी थी। यह घटना उस वक्त हुई थी, जब उनके वाहन ने मुजफ्फरपुर जिले में गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शव यात्रा से आगे निकलने की कोशिश की थी।
आनंद मोहन, जो उस समय विधायक थे, शव यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे और उनपर भीड़ को कृष्णैया की हत्या के लिए उकसाने का आरोप था। पूर्व सांसद को निचली अदालत ने 5 अक्टूबर, 2007 को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे पटना हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर, 2008 को सश्रम आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई, 2012 को इसकी पुष्टि की थी।