देह का भूगोल बिगाड़ रहे सोशल मीडिया के फिटनेस गुरु
सबसे ज्यादा मामले बॉडी बनाने की चाह रखने वाले युवाओं में कोई बीमारी है तो
भागलपुर, वरीय संवाददाता। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर मोटापा, शुगर, बवासीर की बीमारी को दूर करने के लिए एक से बढ़कर एक फिटनेस गुरु सक्रिय हैं। इन गुरुओं के बताए मंत्र (दवा व उपाय) को अपनाकर कई लोगों के देह का भूगोल बिगड़ गया तो कई लोगों को अस्पताल में अपना इलाज कराना पड़ रहा है। इस तरह के मामले अब डॉक्टरों के क्लीनिक से लेकर अस्पतालों में बहुत देखने को मिल रहा है। केस नंबर एक: मोटापा तो दूर नहीं हुआ, लेकिन पेट दर्द व अपच का हो गया शिकार
आदमपुर निवासी कॉलेज गोइंग स्टूडेंट छात्र का वजन 87 किलो था। उनके साथी अक्सर उसके मोटापे का मजाक उड़ाते थे। उन्होंने एक दिन अपने फेसबुक पर खुद को फिटनेस एक्सपर्ट कहने वाले द्वारा एक एंटी ओबेसिटी ड्रग की खूबियों के बारे में बताया। प्रभावित छात्र ने उस दवा को मंगवाकर उसका सेवन करना शुरू कर दिया। तीन माह तक सेवन करने के बाद उसका वजन तो कम नहीं हुआ, लेकिन लंबे समय तक दवा के सेवन से उसके सिर में दर्द, पेट खराब व अपच जैसी समस्या होने लगी। इस वजह से उसका पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होने लगी।
केस नंबर दो: सोशल मीडिया के देसी नुस्खे ने पहुंचा दिया अस्पताल
ज्योति विहार के रहने वाले 45 साल के युवक ने सोशल मीडिया पर बताए गये सलाह के अनुसार, एक देसी नुस्खे को आजमाना शुरू कर दिया। जिसमें बताया गया था कि ये देसी नुस्खा उसके शुगर को बिना ऐलोपैथी दवा खाए व परहेज के ही सामान्य कर देगा। उसने न केवल देसी नुस्खा आजमाया बल्कि डॉक्टर की सलाह पर ले रहा शुगर कंट्रोल की दवा भी खाना छोड़ दिया। दो माह बाद उसकी हालत खराब हो गई। अस्पताल में भर्ती हुआ तो पता चला कि उसका शुगर 415 पर पहुंच गया है। इसके बाद इंसुलिन के हैवी डोज के बाद उसका शुगर नियंत्रित किया जा सका।
हर सप्ताह करीब आधा दर्जन मामले पहुंच रहे सदर अस्पताल
सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ. राजू ने कहा कि सोशल मीडिया पर फिटनेस गुरुओं द्वारा बताए गये नुस्खे को अपनी तबीयत खराब करने वालों की तादात इन दिनों बढ़ती नजर आ रही है। सदर अस्पताल में इस तरह के आधा दर्जन मामले मिल रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले तो सिक्स पैक से लेकर बॉडी बनाने की चाह रखने वाले युवा होते हैं। ये सोशल मीडिया पर ज्ञान हासिल कर विभिन्न प्रकार के सप्लीमेंट से लेकर दवा खाते हैं। देह बनने की बजाय उनकी तबीयत बिगड़ती है और वे अस्पताल पहुंच जाते हैं इलाज कराने। इसके अलावा मोटापा, शुगर नियंत्रित, बवासीर, गुप्त रोग का सोशल मीडिया के जरिए मिले ज्ञान के आधार पर खुद ही ओटीसी (ओवर द काउंटर) दवा खरीदते हैं और तबीयत खराब करके अस्पताल पहुंच जा रहे हैं।
योग-प्राणायाम व उचित आहार-विहार ही बेहतर विकल्प: डॉ. राधेश्याम
सदर अस्पताल के संयुक्त देसी चिकित्सालय के आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. राधेश्याम अग्रहरी बताते हैं कि मोटापा हो या फिर बॉडी बनाने की चाह या फिर किसी बीमारी को दूर करने की जिजीविषा। इसे योग-प्राणायाम से लेकर उचित आहार-विहार के जरिए ही नियंत्रित या कम किया जा सकता है। कोई भी उपाय चमत्कारी नहीं होता है और हरेक एलोपैथी दवा का साइड इफेक्ट होता है। अगर कोई बीमारी है तो चिकित्सक की सलाह पर दवा का सेवन करें। सोशल मीडिया का ज्ञान लोगों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
कोट
किसी भी दवा का सेवन बिना डॉक्टर के परामर्श के नहीं करना चाहिए। खास तौर पर मोटापा दूर करने, बॉडी को स्लिम या फिट बनाने वाली सप्लीमेंट्स दवा व पावडर को सोशल मीडिया पर किए गये दावे को देखने के बाद आंख मूंदकर इस्तेमाल न करें।
- डॉ. अविलेष कुमार, प्रोफेसर एंड हेड मेडिसिन विभाग, जेएलएनएमसीएच भागलपुर
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