2018 मैट्रिक की परीक्षा का रिजल्ट निकलते ही छा गईं सिमुलतला स्कूल की ये होनहार बेटियां
2018 मैट्रिक की परीक्षा का रिजल्ट निकलते ही छा गए सिमुलतला स्कूल के ये होनहार। बिहार के टॉप 10 टॉपरों में अकेले 5 इसी स्कूल के हैं। इनमें से भी टॉप थ्री बेटियां ही हैं। भागलपुर की प्रेरणा राज बनीं...
2018 मैट्रिक की परीक्षा का रिजल्ट निकलते ही छा गए सिमुलतला स्कूल के ये होनहार। बिहार के टॉप 10 टॉपरों में अकेले 5 इसी स्कूल के हैं। इनमें से भी टॉप थ्री बेटियां ही हैं।
भागलपुर की प्रेरणा राज बनीं बिहार टॉपर
मैट्रिक की परीक्षा में सूबे में पहला स्थान प्राप्त करने वाली प्रेरणा राज चिकित्सक बनना चाहती है। वह भागलपुर जिले के शाहकुंड प्रखंड स्थित जगन्नाथपुर की रहने वाली है। उसकी मां पिंकी आशा कॉर्डिनेटर है। शाहकुंड में ही पदस्थापित है। उनकी मां ने बताया कि एक भाई एक बहन है। बड़ा भाई भोपाल में डी फार्मा कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रेरणा राज के पिता शाहकुंड प्रखंड के चंद्रपुर विद्यालय में नियोजित शिक्षक हैं। उनका कहना था कि वह शुरू से ही चिकित्सक बनना चाहती है। इसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रही है। चिकित्सक बनकर मानव की सेवा करने का उसका लक्ष्य है। उम्मीद है कि मेडिकल की परीक्षा में भी सफल होगी। उन्होंने बताया कि रविवार को ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव के द्वारा बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि रविवार को ही उसकी मौखिक परीक्षा ली गयी थी जिसमें वह सफल हुई थी। प्रेरणा राज ने 457 अंक प्राप्त कर सूबे में पहला स्थान प्राप्त किया है। वह सिमुलतला आवासीय विद्यालय की छात्रा है।
मोतिहारी की रहने वाली प्रज्ञा सेकेंड टॉपर
प्रज्ञा ने मैट्रिक की परीक्षा में 454 अंक लाकर सूबे में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। प्रज्ञा गांधीनगर मोतिहारी की रहने वाली है। इसके पिता प्रमोद कुमार मोतिहारी में स्वास्थ्य विभाग में वरीय प्रेक्षक के पद पर कार्यरत हैं। इनकी तीन बेटियां है। सबसे छोटा बेटा है जो सिमुलतला स्कूल में ही नवम क्लास का छात्र है। बड़ी बेटी श्वेता सुमन बीएएमएस की पढ़ाई कर रही है। दूसरे स्थान पर श्वेता सुमन है जो इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में सफल हुई है। अभी नामांकन नहीं हुआ है। प्रज्ञा तीसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रज्ञा कोटा में पढ़ रही है। शुरू से ही उसे चिकित्सक बनने की लालसा है। वह चिकित्सक बनकर मानवता की सेवा करना चाहती है। उन्होंने बताया कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय में मेधावी शिक्षक हैं। पठन-पाठन पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिसके कारण ही यहां के बच्चे सफल होते हैं।
तीसरे स्थान पर रहीं नवादा की अनुप्रिया
सूबे में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली अनुप्रिया का लक्ष्य आइएएस बनना है। वह आइएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती है। अनुप्रिया ने सिमुलतला आवासीय विद्यालय से परीक्षा दी थी। सूबे में 452 अंक लाकर तीसरे स्थान पर रही है। अनुप्रिया अपने माता पिता की एक मात्र संतान है। बेटी की सफलता पर पिता धर्मेन्द्र कुमार और माता अर्चना कुमारी को गर्व हो रहा है। पिता एक दुकान में कर्मचारी हैं और मां गृहिणी हैं। उन्हें इस बात का भरोसा था कि उनकी बेटी उनलोगों का नाम जरूर रोशन करेगी। नवादा जिले के वारसलीगंज थानान्तर्गत जलालपुर की रहने वाली अनुप्रिया फिलहाल अपनी चचेरी बहन से मिलने कोटा गयी है। मां अर्चना कुमारी ने दूरदर्शन पर जब अनुप्रिया का नाम टॉपरों की सूची में देखा तो खुशी से उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी आइएएस बनना चाहती है। वैसे फिलहाल प्लस टू की पढ़ाई में अभी से ही जुट गयी है।
सुपौल के किसान की बेटी सूबे में 7th टॉपर
सूबे में सातवां स्थान लाने वाली सिमुलतला आवासीय विद्यालय की छात्रा खुश्बू ने आइआइटी करने का लक्ष्य तय किया है। सुपौल जिले के पिपरा के एक किसान प्रभुनारायण साह की पुत्री खुश्बू ने मैट्रिक की परीक्षा में 448 अंक प्राप्त किया है। फिलहाल उसका चयन सुपर-30 में होने के बाद उसने पटना में नामांकन करा लिया है। अपनी पुत्री की सफलता पर पिता प्रभुनारायण साह को गर्व है। हिन्दुस्तान से बातचीत में उनहोंने बताया कि मेरी पुत्री शुरू से ही पढ़ने में अव्वल रही है। हमेशा उसका लगाव किताब से रहता है। उन्होंने बताया कि हर लड़की से अलग वह इंजीनियरिंग करना चाहती है। फिलहाल वह पटना में रहती है। रिजल्ट आने के बाद वह खुशी से झूम उठी। उसके कई दोस्त और परिजन आवास पर आकर उसे मिठाइयां खिलायी और भविष्य में सफल होने की शुभकामना दी।
जमुई में शिक्षक के बेटे सुभाष भी टॉप 10 में
मैट्रिक की परीक्षा में सुभाष कुमार 446 अंक लाकर सूबे में टॉप टेन में रहा है। सिमुलतला आवासीय विद्यालय का छात्र सुभाष सोनो का रहने वाला है। इसके पिता सकलदेव प्रसाद सोनो प्रखंड के पंचपहाड़ी स्कूल में सरकारी शिक्षक हैं। उसके पिता ने बताया कि सुभाष शुरू से ही पढ़ने में काफी मेधावी रहा है। वह एक भाई और तीन बहन है। बहनें छोटी हैं। सुभाष ने बताया कि वह आइआइटी की तैयारी कर रहा है। फिलहाल कोटा में नामांकन कराया है। उसने बताया कि वह शुरू से ही 12 से 13 घंटे तक पढ़ाई करता था। मेहनत के कारण ही उसे सफलता मिली है। वह इंजीनियर बनने के लिए शुरू से ही उत्सुक रहा है। उसके पिता ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि उनका पुत्र आइआइटी में सफलता हासिल करेगा।
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