चीन-पाक ही नहीं तुर्किए व अजरबैजान के राजदूत को भी नहीं मिलेगा जर्दालू आम
फोटो : हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव जर्दालू आम उत्पादक समिति के सदस्यों ने बिहार भवन भेजे

भागलपुर, वरीय संवाददाता इस बार भागलपुर के मशहूर जर्दालू आम के स्वाद से चीन-पाकिस्तान ही नहीं, तुर्किए और अजरबैजान के राजदूत भी महरूम रहेंगे। कारण, राज्य सरकार द्वारा मौसमी सौगात के रूप में नई दिल्ली स्थित बिहार भवन भेजा जाने वाला जर्दालू आम इन चार देशों के दूतावास नहीं भेजे जाएंगे। आम उत्पादकों ने बिहार भवन भेजे जाने वाले आम देने के पहले शर्त रखी है कि अंग की सौगात इन चार देशों के दूतावास न भेजे जाएं। मालूम हो कि पिछले एक दशक से भागलपुर से करीब दो हजार जर्दालू आम के पैकेट बिहार भवन भेजे जा रहे हैं। वहां से राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, कृषि मंत्री समेत तमाम मंत्रालय और नई दिल्ली स्थित 152 देशों के दूतावास भेजे जाते रहे हैं।
भारत-पाक तनाव के बीच चीन, तुर्किए और अजरबैजान की भूमिका से भागलपुर की जर्दालू आम उत्पादक समिति खफा है। कई उत्पादकों ने निजी ऑर्डर भी कैंसिल कर दिए। जर्दालू आम के बड़े उत्पादक सुल्तानगंज स्थित तिलकपुर के अशोक चौधरी, आभा रतनपुर के मनीष कुमार सिंह, कहलगांव के विभु दुबे, कृष्णानंद सिंह, शाहकुंड के वेदव्यास चौधरी आदि ने कृषि विभाग को दो टूक कह दिया कि यदि शत्रु देशों को आम की सौगात दी जाएगी तो वे प्रशासन को इस बार आम की आपूर्ति नहीं करेंगे। जर्दालू एंड कतरनी एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीओ) के मनीष सिंह बताते हैं, भागलपुर से हरेक साल सरकारी खर्चे पर करीब दो हजार पेटी जर्दालू आम बिहार भवन भेजा जाता है। एक्सपोर्ट क्वालिटी के आम के लिए पेड़ों में लदे फल पर कैप लगाया जाता है। ताकि आम का फल आकार ले सके। उसके पल्प की क्वालिटी बेहतर रहे, ताकि खुशबू और स्वाद बरकरार रहे। जीआई टैग मिलने के बाद जर्दालू आम की इंटरनेशनल ब्रांडिंग बढ़ गई है और व्यापार भी लाखों से करोड़ों में आ गया। भागलपुर के कई आम उत्पादकों के पास तुर्किए और अजरबैजान से ऑर्डर आया था। उन्हें भी इन देशों में एक्सपोर्ट का ऑर्डर मिला, लेकिन वे अब नहीं भेजेंगे। ऑर्डर कैंसिल कर दिया। जून के पहले सप्ताह में प्रशासन से ऑर्डर मिलने की संभावना मैंगो मैन की उपाधि से विभूषित अशोक चौधरी बताते हैं, जीआई टैग मिलने के बाद जर्दालू न सिर्फ अंग क्षेत्र या बिहार बल्कि भारत की पहचान बन गई है। एशिया, यूरोप और खाड़ी देशों से प्रतिवर्ष ऑर्डर बढ़ता जा रहा है। पहलगाम हमले के बाद विश्व भर में पाकिस्तान की निंदा के बाद भी चीन, तुर्किए और अजरबैजान जैसे देश भारत के खिलाफ आ गए। यह हमारी शान के खिलाफ है। ऐसे में इन देशों के लोगों को जर्दालू का सौगात देना आम का स्वाद फीका करने के समान है। उन्होंने बताया कि एक पेटी में करीब तीन-साढ़े तीन किलो आम रहता है। करीब 16 से 18 आम एक पेटी में होते हैं। जून के पहले सप्ताह में प्रशासन से ऑर्डर मिलने की संभावना है। ऑर्डर मिलने के दो दिन के अंदर आम तोड़कर आपूर्ति की जाती है। कोट ... अब तक बिहार भवन से जर्दालू आम की डिमांड नहीं हुई है। सात जून से पहले बिहार भवन भेजने की तैयारी है। इस बार भी विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन से करीब 1500-2000 आम की पेटी दिल्ली भेजी जाएगी। - डॉ. नवल किशोर चौधरी, डीएम, भागलपुर।
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