Hindi Newsबिहार न्यूज़भभुआWomen Observe Jitiya Vrat for Prosperity and Long Life of Children

औलाद की सलामती के लिए महिलाओं ने किया जीतिया व्रत (पेज चार )

अखलासपुर व पूरब पोखरा के अलावा अन्य सरोवरों में लगी व्रतियों की भीड़ अखलासपुर व पूरब पोखरा के अलावा अन्य सरोवरों में लगी व्रतियों की भीड़

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआWed, 25 Sep 2024 08:51 PM
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अखलासपुर व पूरब पोखरा के अलावा अन्य सरोवरों में लगी व्रतियों की भीड़ पूजा करने के बाद भगवान जीऊतवाहन तथा चील व सियारिन की कथा सुनीं भभुआ, कार्यालय संवाददाता। संतान की सुख, शांति, समृद्धि की कामना के साथ महिलाओं ने बुधवार को जितिया व्रत रखा। सरोवरों में स्नान कर भगवान जिउतवाहन तथा चील व सियारिन की कथा सुनी। पर्व को लेकर बाजार में चहलपहल रही। नहाय-खाय के साथ माताओं ने जिउतिया पर्व मंगलवार से शुरू किया। घरों की साफ-सफाई व धुलाई के बाद बुधवार को 24 घंटे का निर्जला व्रत रखा। गुरुवार को भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएं पारण करेंगी। पर्व को लेकर महिलाओं ने बाजार से पहले ही साड़ी, शृंगार के सामान के अलावा दान-पुण्य की सामग्री की खरीदारी कर ली थी। अधिकतर महिलाएं सोने व चांदी की जिउतिया को रेशम की डोर में गुथवाई थीं, जिसकी पूजा की। हालांकि बुधवार को भी शहर के एकता चौक, पटेल चौक, जेपी चौक, कचहरी पथ, सीवों चौक में जिउतिया गुथनेवाली कई अस्थायी दुकानें खुली थीं, जहां महिलाओं की भीड़ लगी थी। बेटे-बेटियों के दीर्घायु होने की कामना के साथ महिलाओं ने व्रत शुरू किया। हर माता-पिता की इच्छा होती है कि उनके बच्चे खूब तरक्की करें। उनकी आय में वृद्धि और उनकी उम्र लंबी हो। इसी कामना के साथ महिलाओं ने व्रत की शुरुआत की। धार्मिक आस्था से जुड़ा यह व्रत माताओं के लिए खास होता है। इसलिए माताएं अपनी संतान के लिए कठिन तप कर जिउतिया का व्रत करती हैं। पुराणों के अनुसार, कुश की आकृति बनाकर पूजा करने से सौभाग्य एवं वंश की वृद्धि होती है। सरोवरों में लगाएंगी डुबकी व्रती माताएं समूह में सरोवरों में पहुंचीं और डुबकी लगाने के बाद पूजा-अर्चना की। फिर भगवान जिउतवाहन तथा चील व सियारिन की कथा सुनीं। अगले दिन गुरुवार को प्रसाद ग्रहण कर पारण करेंगी। यह व्रत काफी कठिन वाला है। बिना कुछ खाए-पीए 24 घंटों तक संतान के सुख, समृद्धि व दीर्घायु होने की कामना की जाती है। फोटो- 24 सितंबर भभुआ- 10 कैप्शन- शहर के अखलासपुर स्थित बाबाजी के पोखरा के पास बुधवार को स्नान करतीं जीवित्पुत्रिका व्रती। फोटो- 24 सितंबर भभुआ- 11 कैप्शन- शहर के अखलासपुर स्थित बाबाजी के पोखरा के पास बुधवार को जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनतीं व्रती।

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