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Hindi Newsबिहार न्यूज़भभुआForest Department Plans Tiger Reserve in Kaimur and Rohtas with Revised Map Covering 800 Sq Km

व्याघ्र अभ्यारण्य के नक्शा और क्षेत्रफल में किया गया बदलाव (एक्सकलूसिव/्रपेज तीन की लीड खबर)

कैमूर और रोहतास के जंगलों में व्याघ्र अभ्यारण्य बनाने की योजना के तहत वन विभाग ने नया नक्शा और प्रस्ताव तैयार किया है। यह अभ्यारण्य 800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैलेगा, जिसमें 500 वर्ग किलोमीटर कैमूर...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआSat, 31 Aug 2024 03:41 PM
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कैमूर के चांद, चैनपुर, भगवानपुर, अधौरा के जंगल से होते हुए रोहतास के चेनारी, नौहट्टा तक 800 वर्ग किलोमीटर में होगा वायघ्र अभ्यारण कैमूर और रोहतास जिलों के जंगलों में वन विभाग बनाएगा व्याघ्र अभ्यारण वन विभाग व्याघ्र अभ्यारण बनाने के लिए तैयार किया नया नक्शा व प्रस्ताव ग्राफिक्स 500 वर्ग किलोमीटर कैमूर का है क्षेत्र 300 वर्ग किलोमीटर रोहतास का है क्षेत्र भभुआ, एक प्रतिनिधि। कैमूर और रोहतास के जंगलों को व्याघ्र अभ्यारण्य बनाने की तैयारी के बीच वन विभाग ने इसका नक्शा और क्षेत्रफल बदल दिया है। विभाग ने अब नया नक्शा व प्रस्ताव तैयार किया है। कैमूर के जंगलों में वर्ष 2018 से 2020 तक बाघों को देखे जाने के बाद यहां व्याघ्र अभ्यारण बनाने की तैयारी में जुट गया था। इसी के मद्देनजर तत्कालीन डीएफओ सत्यजीत प्रसाद ने दो बाघों, उनके पग के निशान और हिरण एवं अन्य जंगली जानवरों के शवों का शिकार करने के तरीका की पहचान करने के बाद केंद्र सरकार को कैमूर के जंगल को व्याघ्र अभ्यारण क्षेत्र घोषित करने का प्रस्ताव भेजा था। डीएफओ के प्रस्ताव भेजे जाने के बाद वर्ष 2022 में केंद्रीय टीम ने सुरक्षित वन क्षेत्र का दौरा किया था। ड्रोन से तस्वीरें ली गईं। वीडियो तैयार किया गया। लेकिन, कैमूर से भेजे गए नक्शा व वन क्षेत्र में मकान थे। उसमें निवास करनेवाली आबादी की सुरक्षा की दृष्टि से केंद्रीय टीम ने नक्शा व क्षेत्रफल में बदलाव कर प्रस्ताव मांगा। वन विभाग ने इसे तैयार कर लिया है। उसे केंद्रीय कमेटी को भेजा जाएगा। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, कैमूर के 500 वर्ग किमी. व रोहतास के 300 वर्ग किमी. क्षेत्रफल व्याघ्र अभ्यारण क्षेत्र में शामिल होगा। अधिकारियों ने बताया कि यह व्याघ्र अभ्यारण इलाका कैमूर के चांद से लेकर रोहतास के नौहट्टा तक होगा। व्याघ्र समिति के अध्यक्ष के रूप में भारत में बाघों के संरक्षण और उसके परिवर्धन के लिए कई स्तरों पर प्रयासरत रहने वाले सारण सांसद ने भारतीय संस्कृति से जुड़े इस वन्य पशु के संरक्षण की आवाज संसद में उठाकर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था, जिसपर सरकार ने भी सकारात्मक रूख दिखाया। रोहतास में लाइम स्टोन जोन को अलग किया रोहतास जिले के नौहट्टा के जंगल का कुछ हिस्सा लाइम स्टोन जोन में पड़ रहा था, जो व्याघ्र अभ्यारण्य क्षेत्र घोषित करने में रोड़ा बन रहा था, जिसे हटाकर नक्शा व क्षेत्रफल तैयार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2017, 2018 और 2020 में कुछ जगहों पर बाघ के पग के निशान एवं जानवरों के मारकर खाने के तरीकों से जंगल में बाघ होने की पुष्टि हुई थी। वन विभाग द्वारा जंगल में लगाए गए कमरे में भी बाघ एवं शावक की तस्वीर सामने आई थी। वर्ष 2023 में दुर्गावती जलाशय परियोजना के आसपास बाघ के आने की जानकारी मिली थी। हालांकि उसे वन विभाग के किसी अधिकारी एवं कर्मियों ने नहीं देखा था। ग्रामीणों के बताने पर विभाग ने कैमरा लगाया, तो तेंदुए की तस्वीर कैद हुई थी। हिरण के ठहराव का विभाग करेगा प्रबंध डीएफओ ने बताया कि जिस जंगल में बाघ होते हैं, उसमें हिरण की संख्या ज्यादा होती है। कैमूर के जंगल में भी हिरण की तादाद अच्छी है। इनके ठहराव के लिए पूरे क्षेत्र में हरी घास लगाई जाएगी। हिरण के ठहराव होने से न बाघ भटकेंगे और न उन्हें कोई दिक्कत होगी। बाघ की जरूरते पूरी करने व जंगल में जरूरी चीजों की उपलब्धता के लिए सरकार द्वारा विशेष फंड दिया जाता है। इन पैसों से वन सुरक्षित क्षेत्र को विकसित किया जा सकता है। व्याघ्र अभ्यारण क्षेत्र बनने से जंगल के आसपास रहने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा। क्योंकि मैनपॉवर इतने अधिक होंगे कि जंगल की हर गतिविधि की जानकारी रखेंगे। कोट व्याघ्र अभ्यारण्य बनाने की तैयारी कर ली गई है। केंद्रीय टीम के निर्देश पर पेपर बाउंड्री के लिए नक्शा तैयार कर लिया गया है। कैमूर के चांद के जंगल से होते हुए रोहतास के नौहट्टा तक व्याघ्र अभ्यारण्य बनाया जाएगा। चंचल प्रकाशम, डीएफओ कैमूर फोटो- 31 अगस्त भभुआ- 1 कैप्शन- कैमूर जिले के अधौरा प्रखंड के ताला गांव के पास का हराभरा जंगल।

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