पढ़ाई के बिना आध्यात्मिक न भौतिक विकास संभव: सर्वेश कुमार
गंगा ग्लोबल इंस्टीच्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन में शिक्षक दिवस पर सेमिनार में वक्ताओं ने रखे विचार... आज देखने में आता है कि नौकरी के बिना शिक्षा और रोजगार के बिना शिक्षा का कोई महत्व नहीं रह गया है। नौकरी
बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। आज पढ़ने-पढ़ाने का काम संकट में आ चुका है। इस काम को हम नहीं करेंगे तो न ही स्प्रिचुअल प्रोग्रेस होगा न मैटेरियल प्रोग्रेस। आज देखने में आता है कि नौकरी के बिना शिक्षा और रोजगार के बिना शिक्षा का कोई महत्व नहीं रह गया है। नौकरी पाने के बाद अधिकांश लोग पढ़ना छोड़ देते हैं और जिन्हें नौकरी नहीं लगती वो भी नहीं पढ़ते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। ये बातें विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने कहीं। वे गंगा ग्लोबल इंस्टीच्यूट ऑफ टीचर्स एजुकेशन रमजानपुर में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर बुधवार को सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अद्वैत वाले सिद्धांत से अपनी फिलॉस्फी की पृष्ठभूमि तैयार की थी। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित संत कुमार सहनी ने कहा कि हमें खुद का मूल्यांकन करना सीखना होगा। जब हम सीख जाएंगे तो समस्याएं ही नहीं रहेंगी। समस्याओं का समाधान ढूंढ़ना सीख गए तो यकीन मानिए आप उस दिन कुशल शिक्षक बन जाएंगे। बच्चों को पढ़ाना या उन्हें योग्य बनाना आटा गूथने जैसा है। मौके पर बीएमए कॉलेज दरभंगा के शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजीत कुमार द्विवेदी कि सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन ने नैतिक शिक्षा पर बल दिया था।। एफएएटीटी कॉलेज दरभंगा के प्राचार्य डॉ. शशिभूषण राय, जीजीआईएमएस की प्राचार्या डॉ. सुधा झा, गंगा ग्लोबल बीएड कालेज के सहायक प्राध्यापक डॉ अनीथा एस, सहायक प्राध्यापक प्रो. सुधाकर पांडेय, प्रो. परवेज यूसुफ, डॉ अंजलि, डॉ. अविनाश कुमार, प्रो. कुंदन कुमार, प्रो. विपिन कुमार, कामायनी कुमारी आदि ने भी विचार रखे। मंच संचालन हर्षिता कुमारी व मुरारी कुमार ने किया। जबकि कार्यक्रम को सफल बनाने में सेमिनार प्रभारी कामायनी कुमारी का योगदान सराहनीय रहा।
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