मिथिला हाट की तर्ज पर सिमरिया धाम को विकसित बनाने का कार्य जल्द शुरू करें: डीएम
लीड पेज 5:::::::::::म के पश्चिमी हिस्से में 125 मीटर लंबा सीढ़ी घाट का होगा निर्माण मिथिला हाट की तर्ज पर 34 करोड़ की लागत से फेज-

सिमरिया धाम, एक संवाददाता। सिमरिया धाम को विकसित बनाने के लिए बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के द्वारा फेज-दो के तहत रिवर फ्रंट का निर्माण तथा कल्पवास क्षेत्र को विकसित बनाने समेत विकास से जुड़े कई कार्य किये जाएंगे। इसको लेकर शुक्रवार को डीएम तुषार सिंगला ने सिमरिया धाम पहुंच निरीक्षण किया तथा जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही। डीएम ने रिवर फ्रंट, कल्पवास क्षेत्र, रामजानकी घाट, धर्मशाला समेत विभिन्न स्थलों का निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए। विदित हो कि बीते समय जनवरी 2025 में प्रगति यात्रा के दौरान बेगूसराय पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने सिमरिया धाम को मिथिला हाट की तर्ज पर विकसित बनाने के लिए फेज-दो के तहत लगभग 34 करोड़ की लागत से राजेन्द्र सेतु व निर्माणाधीन डबल ट्रैक रेलवे पुल से पश्चिम रामजानकी घाट पर रिवर फ्रंट के विकास के साथ-साथ कल्पवास क्षेत्र व सिमरिया धाम बाजार को विकसित बनाने समेत कई अन्य निर्माण को लेकर शिलान्यास किया था।
जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि सिमरिया धाम को मिथिला हाट की तर्ज पर ही विकसित किया जाना है। इस दौरान सिमरिया गंगातट के पश्चिमी हिस्से में 125 मीटर लंबा सीढ़ी घाट का निर्माण, 105 मीटर लंबा बोल्डर कार्य, एक बड़ा केनोपी, तीन हाईमास्ट लाइट, ट्वायलेट कॉम्प्लेक्स, लैंड स्केपिंग, सड़क, ड्रेन, शॉप क्लस्टर व तोरण द्वार का निर्माण समेत कई अन्य निर्माण कार्य किया जाना है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने बताया निर्माण कार्य को लेकर जल्द ही मिट्टी भराई का कार्य शुरू होगा। इस मौके पर सदर एसडीएम राजीव कुमार, जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता राजीव कुमार, सहायक कार्यपालक अभियंता मनीष कुमार, डीसीएलआर ऐश्वर्य कश्यप, सहायक समाहर्ता अजय यादव, बरौनी बीडीओ अनुरंजन कुमार, सीओ सुरजकांत, डीएसपी, चकिया थाना प्रभारी नीरज कुमार चौधरी, गोताखोर अनिल कुमार, सुशील झा समेत संबंधित कई अन्य विभागों के वरीय अधिकारी मौजूद थे। डीएम ने निरीक्षण के दौरान बताया कि कल्पवासियों की सुविधाओं को लेकर कल्पवास क्षेत्र में दो जगह ट्वायलेट कॉम्प्लेक्स का निर्माण तथा पीने के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था होगी। वहीं, पुराना तथा नया घाट के पीछे शॉप क्लस्टर (दुकान) का निर्माण कराया जाएगा। डीएम ने सिमरिया गंगा नदी में डूब रहे लोगों तथा आपराधिक घटनाओं की रोकथाम को लेकर संबंधित अधिकारी से पूछताछ भी की। देख-रेख के अभाव में टूटने लगे सीढ़ी घाट के पत्थर, स्टील की रेलिंग हो रही चोरी आदि कुंभस्थली सिमरिया धाम को बिहार सरकार के द्वारा भले ही करोड़ों रुये खर्च कर विकसित किया जा रहा हो लेकिन इसकी देख-रेख के अभाव में निर्माण होने के साथ ही सीढ़ी घाट जीर्ण-शीर्ण होने लगा है। नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर सिमरिया धाम बाजार के लोगों ने बताया कि बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के द्वारा भले ही सिमरिया धाम को विकसित करने के लिए 115 करोड़ खर्च किया गया है तथा 37 करोड़ और खर्च किया जाएगा लेकिन घाट के संचालन के लिए अभी तक पर्यटन विभाग को नहीं सौंपे जाने से एक ओर इसका लाभ यहां आने वाले श्रद्धालुओं को नहीं मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार की करोड़ों की राशि बर्बाद हो रही है। देख-रेख के अभाव में सीढ़ी घाट के पत्थर टूटने लगे हैं। स्टील की रेलिंग चोरी हो रही है। स्थानीय लोगों ने कहा कि सिमरिया धाम में दुरुस्त व्यवस्था नहीं रहने से यहां गंगा स्नान के लिए आने वाले लोग आए दिन डूबते रहते हैं। दूसरी ओर देश के विभिन्न हिस्सों से सिमरिया धाम में गंगा स्नान, मुंडन संस्कार व शव के दाह संस्कार में आने वाले लोगों के साथ बदमाशों के द्वारा दिनदहाड़े हथियार के बल पर लूटपाट व हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। इस मामले में जिला प्रशासन अब तक तमाशबीन की भूमिका में दिख रहा है।
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