बिहार के इस जिले में DM के वेतन पर लगी रोक, दखल दिहानी में ढिलाई पड़ी महंगी
- पूछा गया था कि किस परिस्थिति में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल दखल दहानी करने में असफल रहे। इसके बाद चार दिसंबर को फिर से डीएम व एसपी को स्मारपत्र भेजा गया कि अपना जवाब न्यायालय को इस संबंध में दें। इसके बावजूद कोई जवाब नहीं दिया गया।
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बिहार में डीएम का वेतन रोकने का आदेश जारी किया गया है। दरअसल बेगूसराय के तेघड़ा अनुमंडल न्यायालय मुंसिफ शैलेंद्र कुमार ने जिलाधिकारी के वेतन को रोकने का आदेश जिला कोषागार अधिकारी बेगूसराय को दिया है। वेतन को रोक कर रखने का न्यायालय के अगले आदेश तक के लिए जारी किया गया है। साथ ही जिला कोषागार अधिकारी बेगूसराय को न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर आदेश के अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का भी आदेश दिया गया है ।
विदित हो कि यह आदेश टाइटल एक्सक्यूसन सूट नंबर 6/1999 श्यामदेव प्रसाद सिंह बनाम दुलारू सिंह के मामले में 4 फरवरी 2025 को न्यायालय ने यह आदेश जारी किया है। श्याम देव प्रसाद सिंह जो डिक्री धारक हैं उन्हें जमीन पर दखल दहानी दिलाने के लिए मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल सहयोग का निर्देश दिया गया था। परंतु दिनांक 11 सितंबर 2024 को एसकेपीसी के द्वारा न्यायालय को सूचित किया गया कि पुलिस बल एवं मजिस्ट्रेट दखल दहनी कराने में सहयोग नहीं कर रहे हैं ।
इस आधार पर न्यायालय ने जिलाधिकारी बेगूसराय एवं पुलिस अधीक्षक बेगूसराय के माध्यम से रिपोर्ट तालाब की। पूछा गया कि किस परिस्थिति में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल दखल दहानी करने में असफल रहे। इसके बाद चार दिसंबर को फिर से डीएम व एसपी को स्मारपत्र भेजा गया कि अपना जवाब न्यायालय को इस संबंध में दें। इसके बावजूद कोई जवाब नहीं दिया गया।
अगली सुनवाई 19 को
एसपी ने दिनांक 25 जनवरी 25 को न्यायालय को सूचित किया। परंतु यह बताने में असफल रहे कि पुलिस कर्मी आदेश का निष्पादन करने में क्यों असफल रहे । प्रस्तुत वाद में उच्च न्यायालय पटना के रिवीजन संख्या 635 /2010, दिनांक 10 मार्च 2014 का आदेश है कि यह सुनिश्चित किया जाए की वादी डिक्री होल्डर को कब्जा सौंपने के बाद नियत अवधि के अंदर डिक्री को संतुष्ट किया जाए।
10 बर्ष बीत जाने के पश्चात भी दखल कब्जा नहीं दिलाया जा सका। डिक्री होल्डर ने अपनी मेहनत की कमाई से मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल की नियुक्ति हेतु फीस का भी भुगतान किया। फीस के रूप में 49015 रुपया फीस का भुगतान किया गया था। प्रस्तुत वाद में अगली तिथि 19 फरवरी 2025 निर्धारित की गई है।