छपरा पार्सल ऑफिस से बुक लाखों के ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लखनऊ में जब्त, बिहार से यूपी तक हड़कंप
यह मामला तब सामने आया जब नशीली इंजेक्शन के 43 कार्टन लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर जांच के दौरान रेल थाना पुलिस ने जप्त किया। इस मामले में लखनऊ में जांच चल रही है।
बिहार और यूपी में नशीली दवाओं की तस्करी के लिए ट्रेन सेफ जोन बन गया है। लखनऊ में चारबाग रेलवे जंक्शन पर भारी मात्रा में प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन जब्त किया गया है। इसे बिहार के छपरा जंक्शन से बुक किया गया था। इसे लेकर यूपी से बिहार तक हड़कंप मच गया है। सवाल उठ रहा है कि आखिरकार छपरा जंक्शन स्थित पार्सल कार्यालय से बिना जांच किया लाखों रुपए के प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन कैसे लखनऊ के लिए बुक हो गए। इससे पहले शराब के बड़े बड़े खेप ट्रेन और पार्सल से पकड़े जा चुके हैं।
यह मामला तब सामने आया जब नशीली इंजेक्शन के 43 कार्टन लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर जांच के दौरान रेल थाना पुलिस ने जप्त किया। इस मामले में लखनऊ में जांच चल रही है। आपको बता दे कि यह पहली घटना नहीं है । इसके पूर्व में भी यहां से कई ऐसे माल है जो बुक किया जा चुके हैं। छपरा में इसे लेकर जांच पड़ताल शुरू हो गया है।13 नवंबर को छपरा जंक्शन स्थित पार्सल कार्यालय से मैक्सि गुड्स के नाम पर टाउन थाना क्षेत्र के तेलपा मोहल्ले के रहने वाला संतोष ने बुकिंग कार्यालय से बुक कराया था। लखनऊ के चारबाग स्टेशन के पार्सल कार्यालय से लखनऊ स्टेशन रोड के रहने वाले राम लोटन सभी कार्टून को रिसीव करने वाला था।
आपको बताते चलें कि छपरा जंक्शन से लखनऊ के बीच चलने वाली 15053 छपरा लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन से ही ऑक्सीटोसिन नशीली इंजेक्शन 43 कॉटन बुक हुआ था। बताया गया है कि एक्टिव तस्कर पांच कार्टन उठाकर ले भी गए। पुलिस के सक्रिए होने के बाद वे भाग चले। लखनऊ चारबाग स्टेशन की आरपीएफ इसकी जांच कर रही है। जांच टीम यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर यह माल कैसे बुक हो गया। बताया गया है कि जो भी इस मामले में दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।
जानकार बताते हैं कि बिना जांच किया कोई भी सामान को बुक नहीं किया जाता है। वैसी स्थिति में अगर प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन नशीली इंजेक्शन भारी मात्रा में छपरा जैसे शहर से बुक होता है तो यह अपने आप में यह सवाल का विषय है। इसमें कार्यालय के स्तर पर मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।