Hindi Newsबिहार न्यूज़atul subhash father said he will not go on the date of court also worried about grand son

चाहे जो भी कानूनी कार्रवाई हो तारीख पर नहीं जाऊंगा, अतुल सुभाष के पिता का छलका दर्द; पोते को लेकर भी जताई चिंता

पवन मोदी ने कहा कि पोते के भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह 80 हजार रुपये करने के लिए यह तारीख कोर्ट ने तय की है। जिसकी जानकारी उन्हें जौनपुर से उनके वकील ने दी है। उन्होंने कहा है कि अब वे इसमें नहीं जाएंगे। चाहे जो भी कानूनी कारवाई हो।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, समस्तीपुरSun, 15 Dec 2024 08:48 AM
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समस्तीपुर जिले केे पूसा के वैनी बाजार निवासी पवन मोदी के पुत्र अतुल सुभाष की बेंगलुरु में आत्महत्या के बाद से परिवार सदमे में है। मां ने खाना-पीना छोड़ रखा है। जिससे उनकी सेहत लगातार खराब होती जा रही है। तो पिता परिवार के लोगों को ढांढ़स बंधाते-बंधाते खुद रो पड़ते हैं। उधर, अतुल के पुत्र व्योम के भरण-पोषण भत्ता को बढ़ाने को लेकर कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई 16 दिसम्बर को होनी है। पवन मोदी ने कहा कि बच्चे को रखने के लिए पूर्व में 20 हजार रुपये तय किये गये थे। बाद में उसे 40 हजार कर दिया गया था।

अब उसे 80 हजार करने के लिए यह तारीख कोर्ट ने तय की है। जिसकी जानकारी उन्हें जौनपुर से उनके वकील ने दी है। उन्होंने कहा है कि अब वे इसमें नहीं जाएंगे। चाहे जो भी कानूनी कारवाई हो। उन्होंने बताया कि उन्हें आशंका है कि उनके पोते को अब टॉर्चर किया जा सकता है। कहा कि अब भरण-पोषण में मिलने वाली राशि बंद हो जायेगी। तो ऐसे में वे लोग मेरे पोते को टॉर्चर या नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से पहल कर पोते को उन्हें सौंपने की अपील की है।

पुत्र शोक में मां हुई बीमार

पुत्र अतुल सुभाष की असामयिक मौत से पूरा परिवार सदमें में है। पवन मोदी ने बताया कि पत्नी अंजू देवी कई दिनों से कुछ भी खा नहीं रही हैं। इस कारण अन्य समस्या के साथ बीपी की समस्या बढ़ गई है। प्रत्येक दो घंटे पर उसकी जांच चिकित्सक लगातार कर रहे हैं। वह ठीक से सो भी नहीं पा रही हैं। आज सुलाने के लिए दवा दी गई है। यह सब बोलते-बोलते पवन मोदी भी खुद रो पड़ते हैं। उन्हें कहा कि बेटे की याद हम सबको काफी सता रही है। लेकिन खुद को संभाल कर रखना पड़ता है।

काफी कष्ट में बीता था आरंभिक जीवन

उन्होंने बताया कि हमारे परिवार का आरंभिक जीवन काफी कष्ट में बीता था। वर्ष 1990 की 25 जनवरी को अतुल सुभाष के जन्म को लेकर मुजफ्फरपुर के केजरीवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके लिए दो हजार रूपये का जुगाड़ भी मुश्किल से हो पाया था। लेकिन आरंभिक दिनों से ही उसकी उसकी परवरिश व शिक्षा-दिक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ा। साईकिल से पढ़ाई के लिए पूसा भेजा करता था। लेकिन दिन बेहतर हुए। इसमें उपर वाले का योगदान अहम रहा। पुत्र ने अच्छा जॉब पाया। खुद भी बेहतर हुए। तो इस मर्माहत घटना से सबको तोड़ कर रख दिया। यह सब यादें हमलोगों को बहुत सता रही है।

स्थानीय लोगों ने किया कैंडिल मार्च

पुत्र शोक में डूबे परिवार को सामाजिक व राजनीतिक लोगों का साथ मिल रहा है। शनिवार की शाम स्थानीय लोगों ने वैनी राम जानकी मंदिर के निकट बैठक की। जिसमें रविवार को पूसा रोड बाजार बंद रखने का निर्णय लिया गया। मुखिया पिंकी देवी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मुखिया पति वृतेन्द्र गुप्ता, उपमुखिया बृजनंदन ठाकुर, डॉ.नीरज कुमार, राकेश ठाकुर, बिट्टू जयसवाल, विक्की झा समेत बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। तो दूसरी ओर ग्रामीणों व युवाओं के दल ने वैनी बाजार में कैंडल मार्च निकाल कर अतुल सुभाष को श्रद्धांजलि दी।

साथ ही पीड़ित परिवार को न्याय देने के लिए सरकार, प्रशासन व न्यायपालिका से गुहार लगाई। इस दौरान लोगों ने मोमबत्ती लेकर भ्रमण किया एवं न्याय अभी बाकी है(जस्टिस इज डयूज) के नारे लगा रहे थे। मौके पर जिप सदस्य सत्यप्रकाश कुशवाहा, मुखिया प्रतिनिधि वितेन्द्र प्रसाद गुप्ता, उपमुखिया बृजनंदन ठाकुर, डॉ.नीरज कुमार, बिट्टू जयसवाल, अशोक पासवान, बमबम साह, राकेश ठाकुर, मिथलेश कुमार, विक्की कुमार, शिवशंकर राय आदि लोग मौजूद थे।

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