विकास महोत्सव में बिहार, झारखंड और नेपाल से पहुंचे श्रद्धालु
फारबिसगंज, एक संवाददाता। स्थानीय तेरापंथ भवन में बिहार-नेपाल व झारखंड स्तरीय विकास महोत्सव का
फारबिसगंज, एक संवाददाता। स्थानीय तेरापंथ भवन में बिहार-नेपाल व झारखंड स्तरीय विकास महोत्सव का भव्य आयोजन तेरापंथ धर्मसंघ के एकाधिमशास्ता महातपस्वी महायशस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री स्वर्ण रेखा जी की सानिघ्य में मनाया गया। तेरापंथ धर्मसंघ के मुख्य उत्सवों में एक है विकास महोत्सव। विकास महोत्सव आध्यात्मिक और संघ के विकास की ओर इंगित करता है। इस 31वें विकास महोत्सव में बिहार, झारखंड और नेपाल प्रांतो से करीबन 40 क्षेत्र के लोग साध्वी श्री स्वर्ण रेखा जी की सानिध्य में मनाया। इस मौके पर साध्वी श्री स्वर्ण रेखा जी ने अपने संबोधन में कहा कि आचार्य श्री तुलसी भविष्य दृष्टाथे। उन्होंने भविष्य की कल्पना करते हुए अनेकों अवदानों से इस संघ को दिए है। यूं तो तेरापंथ धर्म का विकास आचार्य श्री भिक्षु स्वामी के समय से ही हो गया था, जब उन्होंने सम्यक दीक्षा ली तो तेरापंथ धर्मसंघ में तेरह संत थे। धीरे-धीरे विकास की राहों पर चलकर आज वर्तमान में आचार्य श्री महाश्रमण जी के शासनकाल में साधु-साध्वियो की संख्या करीबन 700 के लगभग है। लेकिन आचार्य श्री तुलसी ने जिन आयामों से तेरापंथ धर्मसंघ को एक नई राह दिखाई वह सचमुच में अकल्पनीय है।
साध्वी श्री सुधांशु प्रभा जी ने अपने वक्तव्य में धर्म और कर्म को जानकर जीवन में किस प्रकार विकास किया जाये, इसका मार्ग दर्शन दिया। कार्यक्रम का दूसरा चरण था सामूहिक खमत खामणा। जिसमें नेपाल,बिहार सभा,महासभा के पदाधिकारी एवं अन्य क्षेत्र से आए हुए सभी अध्यक्ष मंत्रियों ने साध्वीश्री से खमत खामणा की। सभी श्रावक-श्राविकाओं ने साध्वीश्री से सामूहिक रूप से खमत खामणा किया। कार्यक्रम के तीसरे चरण में नेपाल बिहार एवं झारखंड से आए हुए सभी मेधावी छात्र एवम सभी तपस्वियों का सम्मान व अभिनंदन किया गया। फारबिसगंज में अभी भी पंकज सेठिया की 17 की तपस्या एवं पूजा राखेचा की आठ की तपस्या सानंद गतिमान है। साध्वीवृंद ने इनकी तपस्या का अनुमोदन करते हुए स्वरचित गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी वृंद के द्वारा तुलसी अष्टकम से की गई। स्थानीय सभा के अध्यक्ष महेंद्र बैद ने अपने स्वागत भाषण में सभी क्षेत्रों से आए हुए पदाधिकारीगण एवं सकल समाज का स्वागत किया। नेपाल-बिहार सभा के अध्यक्ष चैनरूप दुगड,महामंत्री वीरेंद्र संचेती,भिक्षु ट्रस्ट के अध्यक्ष राजकरण दफ्तरी, महासभा संवाहक नेमचंद बैद व अनूप बोथरा, महासभा बिहार आंचलिक प्रभारी राजेश पटवारी, महासभा प्रभारी मनोज पुगलिया व मनोज भंसाली आदि ने अपने विचार व्यक्त किया तथा सभी से सामूहिक रूप से खमत खामणा किया। नौ-नौ की संख्या में स्थानीय सभा,तेरापंथ युवक परिषद,महिला मंडल, कन्या मंडल एवं ज्ञानशाला के बच्चों के द्वारा एक सुंदर प्रस्तुति की गई। इस विकास महोत्सव के कार्यक्रम में लगभग 500 व्यक्तियों की उपस्थिति दर्ज की गई।
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