वीकेएसयू : 18 साल बाद कर्मियों को प्रोन्नति देने के लिए लिखित परीक्षा
-75 अंक की लिखित और 25 अंक की कंप्यूटर ज्ञान परीक्षा आयोजित की गई, परीक्षा में विवि मुख्यालय, पीजी विभाग और कॉलेजों के 157 कर्मी हुए शामिल -कंप्यूटर और टाइपिंग जानने वाले कर्मचारियों को ही मिलेगी

-75 अंक की लिखित और 25 अंक की कंप्यूटर ज्ञान परीक्षा आयोजित की गई -परीक्षा में विवि मुख्यालय, पीजी विभाग और कॉलेजों के 157 कर्मी हुए शामिल -कंप्यूटर और टाइपिंग जानने वाले कर्मचारियों को ही मिलेगी प्रोन्नति -विवि और कॉलेजों में कार्यरत कर्मियों को 18 वर्षों से नहीं मिली है प्रोन्नति आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालय, पीजी विभाग और अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकेतर कर्मियों को प्रोन्नति देने को ले कवायद तेज कर दी गयी है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो अगले माह तक प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। विवि और कॉलेजों के वैसे कर्मियों को ही प्रोन्नति मिलेगी, जो कंप्यूटर में दक्ष हैं।
दरअसल कर्मचारियों की प्रोन्नति को लेकर लिखित और कंप्यूटर ज्ञान की परीक्षा ली गई। परीक्षा में 157 कर्मचारी शामिल हुए। तृतीय वर्ग के विभिन्न पदों पर प्रोन्नति के लिए परीक्षा ली गई। प्रोन्नति के बाद सहायक और प्रशाखा पदाधिकारी का पद कर्मियों को मिलेगा। परीक्षा के दौरान प्रोन्नति को लेकर गठित कमेटी के सदस्य मौजूद रहे। लिखित परीक्षा 75 अंक और कंप्यूटर ज्ञान की परीक्षा 25 अंक की ली गई। कर्मियों को बिहार सरकार के निर्देश, नियम और परिनियम के आलोक में प्रोन्नति मिलेगी। बताया जाता है कि लिखित परीक्षा जंतु विज्ञान विभाग और कंप्यूटर ज्ञान परीक्षा एमसीए में ली गई। रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद प्रोन्नति कमेटी प्रोन्नति पर कार्य करेगी। परीक्षा सीसीडीसी सह परीक्षा के संयोजक प्रो नरेंद्र प्रताप पालित, कुलसचिव प्रो रणविजय कुमार और प्रॉक्टर प्रो लाल बाबू सिंह की देखरेख में हुई। प्रोन्नति को लेकर लगातार संघर्षरत थे कर्मचारी पद प्रोन्नति की मांग को लेकर कर्मचारी लगातार संघर्षरत थे। उनकी ओर से कई बार धरना-प्रदर्शन किया गया। इसके बाद कर्मियों को प्रोन्नति देने के लिए कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने संज्ञान लिया। पिछले माह कुलपति की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। इसमें कर्मियों को बिहार सरकार के निर्देश, नियम और परिनियम के आलोक में प्रोन्नति देने पर विचार किया गया था। मालूम हो कि वीर कुंवर सिंह विवि में वर्ष 2007 के बाद कर्मियों को प्रोन्नति नहीं मिली है। प्रोन्नति नहीं मिलने से वे नियुक्ति के दौरान नियुक्त पद पर कार्य कर रहे हैं, जबकि तृतीय और चतुर्थ वर्ग में नियुक्त कर्मियों को आठ साल पर प्रोन्नति दिए जाने का नियम है। एलडीसी से यूडीसी, यूडीसी से एएस और एएस से एसओ में प्रोन्नति दी जाती है। विवि में प्रशाखा पदाधिकारी तक नहीं विवि में कर्मियों को प्रोन्नति नहीं मिलने के कारण प्रशाखा पदाधिकारी तक कार्यालयों में नहीं हैं। मौजूदा समय में एक भी प्रशाखा पदाधिकारी विवि में नहीं हैं। वहीं, सहायक पद पर भी मात्र एक कर्मी हैं। कॉलेजों में भी प्रधान सहायक नहीं है। अगर प्रोन्नति मिलती है, तो प्रशाखा पदाधिकारी और सहायक की संख्या बढ़ जायेंगी। कर्मियों को कंप्यूटर में दक्ष होना है आवश्यक विवि और कॉलेजों के वैसे कर्मियों को ही प्रोन्नति मिलेगी, जो कंप्यूटर में दक्ष होंगे। इसी कारण कंप्यूटर आधारित परीक्षा ली गई और लिखित परीक्षा हुई। कुलसचिव डॉ रणविजय कुमार ने बताया कि विवि अंतर्गत कार्यरत तृतीय वर्ग के सभी शिक्षकेतर कर्मचारियों के कंप्यूटर और टाइपिंग अहर्ता की जानकारी मांगी गयी थी। इसके बाद कॉलेजों ने लिस्ट उपलब्ध करा दी थी। परीक्षा को लेकर एडमिट कार्ड जारी किया गया था। कुलसचिव ने बताया कि बिहार राज्य विवि अधिनियम के 1976 की अद्यतन संसोधित धारा 36(7) के नियम-परिनियम के आलोक में शिक्षकेतर कर्मचारियों को प्रोन्नति के लिए कंप्यूटर और टाइपिंग की जानकारी आवश्यक है। विवि सूत्रों की मानें प्रोन्नति के लिए सरकार ने नियम-परिनियम बदल दिया है। प्रोन्नति की मांग करने वाले कर्मियों को कंप्यूटर में दक्ष होना आवश्यक है। कई विवि में कर्मियों को लिखित परीक्षा और कंप्यूटर ज्ञान के आधार पर प्रोन्नति मिली है। वीर कुंवर सिंह विवि भी प्रोन्नति के मानकों को पूरा करते हुए शिक्षकेतर कर्मियों को प्रोन्नति दी जायेगी। बताया जाता है कि मई के अंत अथवा जून माह के पहले सप्ताह तक प्रोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। प्रोन्नति को ले कमेटी का हुआ है गठन शिक्षकेतर कर्मियों की प्रोन्नति को ले विवि प्रशासन ने कमेटी का गठन कर दिया है। बिहार राज्य विवि अधिनियम के तहत पांच सदस्यीय प्रोन्नति कमेटी का गठन हुआ है। कमेटी के अध्यक्ष कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी हैं।
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