BRABU की छात्राओं का कमाल, बनाया नैनो पार्टिकल, IIT से हरी झंडी; अब पेटेंट की तैयारी
- छात्राओं ने बिना जहरीले पदार्थ वाला नैनो पार्टिकल तैयार किया है। इसका उपयोग कर सस्ते सोलर पैनल बनाए जा सकेंगे। इतना ही नहीं, इसके उपयोग से बने सोलर पैनल की क्षमता भी अधिक होगी।
बिहार के प्रतिष्टठित विश्वविद्यालय बीआरएबीयू मुजफ्फरपुर की अंगीभूत इकाई एमडीडीएम कॉलेज की छात्राओं ने कमाल कर दिया है। छात्राओं ने बिना जहरीले पदार्थ वाला नैनो पार्टिकल तैयार किया है। इसका उपयोग कर सस्ते सोलर पैनल बनाए जा सकेंगे। इतना ही नहीं, इसके उपयोग से बने सोलर पैनल की क्षमता भी अधिक होगी। आईआईटी में हुए परीक्षण में नैनो छात्राओं ने बनाए नैनो पार्टिकल को हरी झंडी मिल गई है। छात्राओं ने इसे केंद्रीय विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय की तरफ से मिले क्यूरी प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया है।
क्यूरी प्रोजेक्ट की नोडल डॉ. नवनीता ने बताया कि नए नैनो पार्टिकल को बनाने में छात्राओं ने कॉपर, जिंक, टिन और सल्फर का इस्तेमाल किया है। इसका नाम कॉपर जिंक टिन सल्फर रखा गया है। इसका उपयोग सोलर सेल बनाने और उसकी क्षमता बढ़ाने में हो सकेगा। इससे बने सोलर सेल से पर्यावरण का नुकसान नहीं पहुंचेगा। अभी सोलर सेल में सिलिकॉन का इस्तेमाल किया जाता है। यह जहरीला होता है। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।
पेटेंट कराने की प्रक्रिया होगी
आईआईटी से ओके सर्टिफिकेट मिलने के बाद अब एमडीडीएम कॉलेज के अनुसंधान केंद्र में सोलर सेल बनाने पर काम किया जाएगा। सोलर पैनल तैयार हो जाने के बाद इसे पेटेंट कराने की प्रक्रिया भी की जाएगी। डॉ. नवनीता ने बताया कि इस नैनो पार्टिकल से बना सोलर पैनल बाजार की कीमत से सस्ता होगा और पर्यावरण के लिए अनुकूल रहेगा। कॉलेज को वर्ष 2022 में क्यूरी प्रोजेक्ट मिला था।कॉलेज में इसके लिए अनुसंधान केंद्र बनाया गया है। डॉ. नवनीता ने बताया कि यह बड़ी उपलब्धि है। बिहार में पहली बार किसी कॉलेज में ऐसा प्रोजेक्ट पूरा हुआ है। उन्होंने बताया कि क्यूरी प्रोजेक्ट सिर्फ एमडीडीएम कालेज को मिला था। एमडीडीएम कॉलेज की प्राचार्य प्रो. कनुप्रिया ने इस कामयाबी के लिए छात्राओं को शुभकामनाएं दी हैं।
डस्ट में छुपे फंगस को पहचानने पर हो रहा काम
क्यूरी प्रोजेक्ट के तहत एमडीडीएम कॉलेज में डस्ट में छुपे फंगस को पहचानने का तरीका विकसित करने पर भी काम हो रहा है। वनस्पति विज्ञान विभाग की छात्राएं इस पर काम कर रही हैं। इस प्रोजेक्ट में कमरे के डस्ट में कौन-कौन से फंगस हैं, उन्हें पहचान कर नष्ट करने की तकनीक विकसित की जाएगी।
परीक्षण सफल
● नैनो पार्टिकल बनाने में कॉपर जिंक टिन सल्फर का किया गया इस्तेमाल
● अभी सिलिकॉन का इस्तेमाल कर बनता है सोलर पैनल के लिए नैनो पार्टिकल
● क्यूरी प्रोजेक्ट के तहत किया गया तैयार, आईआईटी से कराया गया परीक्षण