खर्चा 1 रुपया पर्चा 10 का, लोकसभा चुनाव में फर्जी बिल देने वाली एजेंसियों को नोटिस; अफसर भी नपेंगे
पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि यह एक परंपरा सी बन गई है कि खर्च के 10 गुना तक बिल प्रस्तुत किया जा रहा है। इस पर अंकुश लगाना जरूरी है। इसबार तो नाश्ता-खाना और पानी की व्यवस्था करने वाली एजेंसियों ने भी मनमाने तरीके से बिल प्रस्तुत किया है।
लोकसभा चुनाव के दौरान टेंट शामियाना के साथ कर्मियों के नाश्ता-खाना के बिल में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद जिला प्रशासन एजेंसियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बढ़ा-चढ़ाकर बिल जमा करने वाली एजेंसियों को जल्द नोटिस जारी होगा। वरीय अधिकारियों का कहना है कि नोटिस भेजने के लिए एजेंसियों को चिह्नित कर लिया गया है।
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि लोकसभा चुनाव में खर्च का बिल मनमाने तरीके से देने वाली एजेंसियों को नोटिस जारी होगा। निश्चित अवधि के अंदर उनसे जवाब मांगा जाएगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि अक्सर देखा जा रहा है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में खर्च का ब्योरा चयनित एजेंसियां मनमाने तरीके से देती हैं।
यह एक परंपरा सी बन गई है। खर्च के 10 गुना तक बिल प्रस्तुत किया जा रहा है। इस पर अंकुश लगाना जरूरी है। इसबार तो नाश्ता-खाना और पानी की व्यवस्था करने वाली एजेंसियों ने भी मनमाने तरीके से बिल प्रस्तुत किया है। यदि बिल विपत्रों का अधिकारियों से सत्यापन नहीं कराया जाता तो सरकारी राजस्व का बड़ा हिस्सा उन्हें भुगतान करना पड़ता। इससे स्पष्ट है कि उनकी मनसा अधिक से अधिक पैसे की निकासी की थी। जांच अधिकारियों द्वारा बिल सत्यापन करने के बाद जो राशि भुगतान करने योग्य है, उसकी ही अनुमति दी जाएगी। जिन अधिकारियों ने बिल का सत्यापन किया है उनसे भी पूछताछ होगी और दोषी पाए गए तो कार्रवाई होगी।
12 सामुदायिक किचन के बिल भुगतान पर फिलहाल रोक
पटना जिले के दियारा इलाके में इस साल आई बाढ़ के दौरान आपदा प्रबंधन ने गंगा किनारे सामुदायिक किचन और बाढ़ राहत शिविर लगाया था। इसके खर्च के भुगतान पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। एडीएम आपदा देवेंद्र शाही ने बताया कि बाढ़ राहत शिविर में हुए खर्च का बिल विपत्र एजेंसियों ने दे दिया है। जांच कमेटी के सत्यापन के बाद भुगतान किया जाएगा। पटना सदर के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और कार्यपालक दंडाधिकारी को बिल विपत्रों की जांच का निर्देश दिया गया है। बिल विपत्रों की जांच होने के बाद ही भुगतान का आदेश दिया जाएगा। फिलहाल इस पर रोक रहेगी।