Hindi Newsबिहार न्यूज़ACS S Siddharth will himself monitor the inspection of schools tasks given to officers

अब नहीं चलेगी मनमानी, स्कूलों के निरीक्षण की खुद निगरानी करेंगे ACS एस सिद्धार्थ, अधिकारियों को दिए टास्क

बिहार के सरकारी स्कूलों के निरीक्षण की निगरानी अब खुद शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ करेंगे। मुख्यालय के सभी अधिकारियों की स्कूल निरीक्षण की रिपोर्ट निदेशक के माध्यम से उनके पास आएगी। ताकि तत्काल एक्शन लिया जा सके।

sandeep हिन्दुस्तान, पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरोMon, 2 Sep 2024 10:52 PM
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शिक्षा विभाग ने स्कूलों के निरीक्षण को और प्रभावी बनाने तथा इसके बेहतर परिणाम हासिल करने को लेकर कई अहम फैसले लिये हैं। इसी क्रम में विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस सिद्धार्थ ने निर्देश दिया है कि मुख्यालय के सभी अधिकारियों की स्कूल निरीक्षण की रिपोर्ट निदेशक के माध्यम से उनके पास आएगी, ताकि उस पर तत्काल आवश्यकतानुसार निर्णय ले सकें। विभाग द्वारा जिला और विभागस्तर पर अलग-अलग निरीक्षण कराया जाता है।

मुख्यालय से भेजे जाने वाले पदाधिकारियों को जिला आवंटन विभाग स्वयं करता है। पदाधिकारी करीब तीन महीने तक एक ही जिले के स्कूलों का निरीक्षण करते हैं, ताकि इस दौरान वह कमियों को दूर करा सकें। जिलास्तर पर स्कूलों के निरीक्षण कार्य देने की जिम्मेदारी उप विकास आयुक्तों को दी गयी है। विभाग ने साफ कहा है कि स्कूलों के निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति नहीं चलेगी। स्कूल में सुधार अनिवार्य रूप से होना और दिखना चाहिए। तभी, सरकारी स्कूलों के प्रति बच्चों और अभिभावकों में विश्वास जगेगा।

विभाग ने यह भी कहा है कि स्कूल में सुधार नहीं पाये जाने पर निरीक्षण करने वाले संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी। विभाग के पदाधिकारी निरीक्षण रिपोर्ट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में जमा करते रहे हैं। मगर अब वह एक अलग से भी रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसमें स्कूल की कमियों के साथ-साथ उसमें सुधार के उपाय भी बताएंगे। यह रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशक के माध्यम से अपर मुख्य सचिव के पास जाएगी। रिपोर्ट और सुझाव पर तत्काल कार्रवाई होगी।

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विभाग ने पदाधिकारियों को कहा है कि स्कूल में निरीक्षण के दौरान वह पर्याप्त समय वहां पर देंगे। स्कूल की हर गतिविधि, पठन-पाठन और उपलब्ध सुविधाओं का संपूर्णता में निरीक्षण करेंगे। साथ ही निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक तथा शिक्षकों के साथ बातचीत करेंगे और जानेंगे कि स्कूल के संचालन में किस तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं।

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