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अब तक नहीं अपलोड हुआ आधार कार्ड, बिहार के 26 लाख छात्र सरकारी योजनाओं से हो सकते हैं वंचित

वर्तमान में राज्य के सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या करीब एक करोड़ 80 लाख अनुमानित है। इस तरह से करीब 26 लाख बच्चे जिनका आधार कार्ड जल्द नहीं बना तो इन्हें योजनाओं की राशि से वंचित रहना पड़ सकता है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाMon, 11 Nov 2024 05:36 AM
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छात्रवृत्ति, पोशाक और साइकिल आदि योजनाओं से बिहार के करीब 26 लाख स्कूली बच्चे वंचित हो सकते हैं। इसका कारण है कि इन बच्चों का आधार कार्ड नंबर के साथ ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर नाम दर्ज नहीं है, जबकि शिक्षा विभाग का निर्णय है कि आधार कार्ड नंबर के साथ सूची में दर्ज बच्चों को ही योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एक करोड़ 76 लाख बच्चों की सूची ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड हुई है। इनमें करीब 22 लाख ऐसे बच्चे हैं, जिनका आधार नंबर नहीं दिया हुआ है। इस तरह करीब एक करोड़ 54 लाख बच्चे हैं, जिनका आधार के साथ नाम पोर्टल पर दर्ज कर दिया गया है।

नामांकित बच्चे एक करोड़ 80 लाख

वर्तमान में राज्य के सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या करीब एक करोड़ 80 लाख अनुमानित है। इस तरह से करीब 26 लाख बच्चे जिनका आधार कार्ड जल्द नहीं बना तो इन्हें योजनाओं की राशि से वंचित रहना पड़ सकता है।

अपर मुख्य सचिव ने दिया जिलों को निर्देश

इस संबंध में विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ का सभी जिलों को निर्देश है कि जिन बच्चों का आधार नहीं बना है, उनका जल्द से जल्द बनवाएं, ताकि कोई भी बच्चा योजना से वंचित नहीं हो। साथ ही इसकी भी जानकारी हो सके कि कितने ऐसे बच्चे हैं, जिनका नामांकन सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में है। अगले दो महीनों में अभियान चलाकर बच्चों के आधार कार्ड बनवाने का निर्देश है। वहीं, निजी स्कूलों में नामांकित करीब 27 लाख बच्चों के नाम ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर दर्ज हुए हैं।

बच्चों के बैंक खातों में जमा होगी योजनाओं की राशि

विभाग ने अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में फिर साफ किया है कि आधार कार्डधारी स्कूली विद्यार्थियों को ही विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। राज्य के सरकारी स्कूलों के विभिन्न योजनाओं में राशि का भुगतान सीधे विद्यार्थियों के खाते में किया जाता है। राशि का भुगतान आधार कार्ड से जुड़े बैंक खाते में ही करने को अनिवार्य कर दिया गया है।

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