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बिहार के 4.39 लाख बाढ़ पीड़ितों को 307 करोड़ की मदद, CM नीतीश ने खाते में भेजे में 7-7 हजार

राज्य के 13 जिलों के 4.39 लाख बाढ़ पीड़ित परिवारों को 7-7 हजार रुपए की अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की। डीबीटी के माध्यम से पीड़ितों के बैंक खाते में राशि का भुगतान किया गया।

sandeep हिन्दुस्तान, पटनाFri, 4 Oct 2024 10:59 PM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार शाम राज्य के 13 जिलों के 4.39 लाख बाढ़ पीड़ित परिवारों को 7-7 हजार रुपए की अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की। डीबीटी के माध्यम से पीड़ितों के बैंक खाते में राशि का भुगतान किया गया। मुख्यमंत्री आवास स्थित संकल्प में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इन परिवारों के बीच करीब 307 करोड़ रुपए का वितरण किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम चरण की बाढ़ से प्रभावित परिवारों के खाते में आज 7-7 हजार रुपये की आनुग्रहिक राहत राशि हस्तांतरित की गयी है। उन्होंने अधिकारियों को द्वितीय चरण के बाढ़ से प्रभावित परिवारों को दुर्गा पूजा के पूर्व (9 अक्टूबर तक) उनके खाते में राशि अवश्य हस्तांतरित कराने का निर्देश दिया।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने बाढ़ के दौरान चलाये गये राहत एवं बचाव कार्य से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराते रहें। सरकार में आने के बाद से आपदा पीड़ितों की सहायता के लिये हमलोग लगातार तत्पर रहते हैं। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की फसल क्षति का आकलन और उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

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मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुई फसल क्षति को लेकर किसानों के बीच यथाशीघ्र राशि का भुगतान कराने का भी निर्देश दिया। कहा कि बाढ़ के दौरान जिन बांधों को क्षति पहुंची है, उनका शीघ्र पुनर्स्थापन कार्य करायें। साथ ही पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्स्थापन कार्य भी जल्द से जल्द कराये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़जनित बीमारियों को लेकर चिकित्सा सेवा की पूरी व्यवस्था रखें।

समीक्षा बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि 20 सितम्बर से 29 सितम्बर के बीच गंगा नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि से 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए। प्रथम चरण में 28.34 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। द्वितीय चरण में 29 सितम्बर से नेपाल एवं उत्तर बिहार के समीपवर्ती जिलों में हुई भारी वर्षापात के कारण गंडक, कोसी आदि नदियों में जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने से राज्य के 18 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी। बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ बाढ़ आपदा प्रबंधन मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप सभी कार्रवाई की जा रही है और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है।

कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रथम चरण में आयी बाढ़ से 16 जिले के 67 प्रखंड और 645 पंचायत का कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है। दूसरे चरण में आयी बाढ़ के कारण हुई फसल क्षति का आकलन कराया जा रहा है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु शिविर लगाये गये हैं। पशु चिकित्सक, पशु चारा एवं दवा की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।

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मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुई फसल क्षति को लेकर किसानों के बीच यथाशीघ्र राशि का भुगतान कराने का भी निर्देश दिया। कहा कि बाढ़ के दौरान जिन बांधों को क्षति पहुंची है, उनका शीघ्र पुनर्स्थापन कार्य करायें। साथ ही पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्स्थापन कार्य भी जल्द से जल्द कराये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़जनित बीमारियों को लेकर चिकित्सा सेवा की पूरी व्यवस्था रखें।

समीक्षा बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि 20 सितम्बर से 29 सितम्बर के बीच गंगा नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि से 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए। प्रथम चरण में 28.34 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। द्वितीय चरण में 29 सितम्बर से नेपाल एवं उत्तर बिहार के समीपवर्ती जिलों में हुई भारी वर्षापात के कारण गंडक, कोसी आदि नदियों में जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने से राज्य के 18 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी। बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ बाढ़ आपदा प्रबंधन मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप सभी कार्रवाई की जा रही है और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है।

कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रथम चरण में आयी बाढ़ से 16 जिले के 67 प्रखंड और 645 पंचायत का कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है। दूसरे चरण में आयी बाढ़ के कारण हुई फसल क्षति का आकलन कराया जा रहा है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु शिविर लगाये गये हैं। पशु चिकित्सक, पशु चारा एवं दवा की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।

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इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. उदयकांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, आपदा प्रबंधन विभाग की संयुक्त सचिव साहिला मौजूद रहीं।

वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा के इंडोर स्टेडियम में बाढ़ पीड़ितों के लिए तैयार किये जा रहे बाढ़ राहत फूड पैकेजिंग सेंटर का जायजा लिया और फुड पैकेट में दिये जा रहे सामानों की जानकारी ली। उन्होंने कुशेश्वरस्थान प्रखंड के किरतपुर में बाढ़ग्रस्त इलाके का भी दौरा किया। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान कहा कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री की उपलब्धता एवं उसका वितरण, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स, फूड पैकेट्स समय पर लोगों को उपलब्ध हो, इसका ध्यान रखें। मुख्यमंत्री ने बिरौल अनुमंडल क्षेत्र के पूनांच में बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए चलाये जा रहे सामूदायिक रसोई का जायजा लिया। खाने का स्थल, रसोई घर, वाटर एटीएम, स्वास्थ्य कैंप, पशु चिकित्सा केन्द्र आदि का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने भोजन के बारे में बाढ़ पीड़ित परिवारों से फीडबैक प्राप्त किया। जहां बाढ़ पीड़ितों ने भोजन की गुणवत्ता और जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यों की सराहना की।

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