लालू ने केंद्र से 1000 करोड़ दिलवाए थे, तेजस्वी ने नीतीश को याद दिलाई 15 साल पुरानी बाढ़, रेलवे की मदद
तेजस्वी यादव ने कहा कि 15 साल पहले लालू यादव ने तत्कालीन यूपीए सरकार से बिहार को 1000 करोड़ रुपये और अन्य मदद दिलवाई थी। मगर अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने में भी कतरा रहे हैं।
लगभग एक सप्ताह से बाढ़ का दंश झेल रहे बिहार में अब राजनीति चरम पर पहुंच गई है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। तेजस्वी ने नीतीश को 15 साल पुरानी बात याद दिलाई। उन्होंने कहा कि 2008 में जब भीषण बाढ़ आई थी तब रेल मंत्री रहते हुए आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार से बिहार को 1000 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता दिलवाई थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने भी पहुंचे थे।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2008 में जब बिहार में बाढ़ आई थी तब केंद्र में यूपीए की सरकार थी। कांग्रेस के बाद केंद्र में आरजेडी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। उनके नेता केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार से बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करवाया था। आज से 15 साल पहले केंद्र ने बाढ़ के लिए बिहार को 1000 करोड़ रुपये की विशेष सहायता की थी।
तेजस्वी ने आगे कहा कि एनडीए की नीतीश सरकार ने उस समय केंद्र से एक लाख टन अनाज की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने एक लाख 25 हजार टन अनाज बिहार को दिया। जितना नीतीश सरकार ने मांगा उससे अधिक बिहार को मिला था। नीतीश सरकार ने उसी अनाज को बचाकर रखा और 2010 के चुनाव से पहले खुद का बताकर गरीबों को बांट दिया। इस तरह नीतीश ने चुनावों में इसका फायदा उठाया।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मौजूदा केंद्र और बिहार की एनडीए सरकारें उत्तर बिहार के लोगों की जान और माल की कीमत बस चंद किलो अनाज से आंकती है। सरकार को बताना चाहिए कि बार-बार तटबंध और बांध क्यों टूटते हैं।
उन्होंने कहा कि उस वक्त तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त रेल चलाई तथा साथ ही 9 करोड़ की सहायता राशि भी रेल मंत्रालय से दिलाई। उन्होंने एक लाख साड़ी-धोती बंटवाईं। कोसी क्षेत्र में रेलवे प्लेटफॉर्म पर रेल के डिब्बों में बाढ़ राहत शिविर लगवाए। लालू ने अपने एक महीने की सैलरी, केबीसी में जीते हुए 1 करोड़ रुपये, रेल मंत्रालय के सभी कर्मचारियों की एक दिन की सैलरी, IRCTC, रेलवे ईस्ट जोन, वेस्ट जोन इत्यादि से भी सहायता राशि बिहार को दी।
लालू यादव ने ट्रेन से भिजवाया था पीने का पानी
तेजस्वी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी की कमी को देखते हुए लालू यादव ने 20 हजार लीटर की क्षमता वाले 25 रेलवे टैंकर वहां भेजने के साथ-साथ रेलवे की ओर से रेलनीर के पानी की एक लाख बोतलें तुरंत बिहार भेजी थीं। उस दौर में लालू के प्रयासों से सब सहायता यूपीए सरकार ने की थी लेकिन उसका प्रचार-प्रसार नीतीश कुमार ने अपने नाम से किया। 2004 से 2009 तक लालू में बिहार को 1 लाख 44 हजार करोड़ का वित्तीय पैकेज दिलाया था लेकिन उससे चेहरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकाया।
उन्होंने कहा कि उस वक्त यूपीए के बिहार से 29 सांसद थे जबकि अब एनडीए के 30 सांसद हैं। केंद्र में बिहार से 7 मंत्री हैं। मगर सभी बेबस, लाचार और असहाय हैं। इनके सहारे चल रही केंद्र सरकार से बिहार की विनाशकारी बाढ़ को मुख्यमंत्री ना तो आपदा घोषित करवा सकते हैं और ना ही विशेष पैकेज मांग सकते हैं। बीजेपी के किसी भी केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार नजर नहीं आ रहा है। नीतीश भी पीएम मोदी से मिलने के लिए कतरा रहे हैं।