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भूमि विवाद में 28 दिन की बच्ची की मौत, कब्र से लाश निकाल थाना पहुंची मां; पुलिस ने FIR नहीं किया

  • बिहार के बेतिया में जमीन के विवाद में 28 दिन की नवजात बच्ची की मौत हो गई। मामले को पंचायत में निपटा लिया गया। जब बात नहीं बनी तो दफनाया हुआ शव कब्र से निकालकर परिजन थाना पहुंचे। लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, बेतियाSat, 15 Feb 2025 02:12 PM
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भूमि विवाद में 28 दिन की बच्ची की मौत, कब्र से लाश निकाल थाना पहुंची मां; पुलिस ने FIR नहीं किया

बिहार के बेतिया में जमीन के विवाद में 28 दिन की नवजात बच्ची की मौत हो गई। मामले को पंचायत में निपटा लिया गया। जब बात नहीं बनी तो दफनाया हुआ शव कब्र से निकालकर परिजन थाना पहुंचे। लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया। घटना नौतन थाना के बैरा परसौनी गांव की है। घराड़ी की जमीन के झगड़ें में खींचा-तानी के दौरान एक 28 दिन के नवजात बच्ची की मौत हो गयी।

जानकारी के मुताबिक स्थानीय पंचों की पहल से दोनों पक्षों ने शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया। जिसके चलते शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। लेकिन बाद में बात नहीं बनी तो माला पुिस तक पहुंच गया। उसके बाद भी इसका एफआईआर दर्ज नहीं किया गया। घटना को लेकर बताया जा रहा है कि मझौलिया के ढाब मझरिया गांव के ओमप्रकाश चौधरी की पत्नी सुरजीता देवी ने 28 दिन पूर्व बैरा परसौनी गांव स्थित मायके में एक बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद से वो मायके में ही रह रही थी। गुरुवार की सुबह में उसके पिता रामशकल चौधरी गुरुवार की सुबह 7 बजे अपने जमीन में खुट्टा गाड़ रहे थे। जिसको लेकर रिंकी देवी और सरोज देवी उनके पिता रामशकल के साथ झगड़ा करने लगी।

सुरजीत देवी झगड़ा छुड़ाने के लिए बच्ची को गोद में लिये पहुंची। उसी दौरान बच्ची जमीन पर गिर गयी। इससे बच्ची की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। इसको लेकर पंचायती होने लगी। परिजनों ने बच्ची के शव को दफना दिया। लेकिन गुरुवार देर रात तक पंचायती में मामले का हल नहीं निकला तो शुक्रवार की सुबह परिजन बच्ची का शव निकाल कर थाने पहुंच गए। परंतु बाद में पुलिस ने इस मामले में किसी प्रकार की शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया। उसके बाद वे लोग बच्ची के शव को लेकर वापस अपने गांव चले गए।

इस मामले में थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि शिकायत के आलोक में पुलिस जांच पड़ताल के लिए गई थी। लेकिन दोनों पक्षों के द्वारा ग्रामीण पंचों के बीच समझौता कर मामले को खत्म कर दिया है। लिखित आवेदन थाने को सौंप दिया गया हैं।

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