साइबर क्राइम से निपटने को 17 नए कोर्स, इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद कर सकेंगे पढाई
- पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर अधिकारी व कर्मी कोर्स का हिस्सा बन सकते हैं। पहले चरण में इनके लिए यह कोर्स चलेगा। इसके बाद वॉलेंटियरिंग की शुरुआत की जाएगी। इस दौरान आम लोग भी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर प्रशिक्षण ले सकेंगे।
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बिहार समेत पूरा देश साइबर क्राइम से प्रभावित है। साइबर अपराधियों के लड़ने के लिए पुलिस और न्यायिक अधिकारियों, सरकारी शिक्षकों, फॉरेंसिंक विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसको लेकर राष्ट्रीय साइबर रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से पहल की गई है। इसके लिए एनसीसीटीसी यानि राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र की ओर से 17 पाठ्यक्रम डिजाइन किए गए हैं।
इसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर अधिकारी व कर्मी कोर्स का हिस्सा बन सकते हैं। पहले चरण में इनके लिए यह कोर्स चलेगा। इसके बाद वॉलेंटियरिंग की शुरुआत की जाएगी। इस दौरान आम लोग भी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर प्रशिक्षण ले सकेंगे। प्रशिक्षण केंद्र की ओर से शुरू किए गए कोर्स में डार्कनेट, क्रिप्टो बेस्ड, फाइनेंशियल फ्रॉड, हैकिंग और अनआर्थराइज्ड एक्सेस, आइपीडीआर, सेक्शुअल ऑफेंसेस और सोशल मीडिया, रिस्पांडर ट्रैक-बेसिक कोर्स, इंटरमीडिएट कोर्स, एडवांस कोर्स, फॉरेंसिक ट्रैक-बेसिक, इनवेस्टिगेशन ट्रैक-बेसिक, इंटरमीडिएट और एडवांस कोर्स, इंटेलीजेंस, ज्युडिसियरी और प्रासिक्युशन, साइबर क्राइम, महत्वपूर्ण साइबर क्राइम टूल्स और ई.लैब कोर्स शामिल किए गए हैं।
साइबर अपराधियों के पैटर्न को डिकोड करने का मिलेगा प्रशिक्षण, जिले में होंगे नोडल अधिकारी
वर्तमान में साइबर अपराध की घटना के बाद राष्ट्रीय पोर्टल पर शिकायत करने का प्रावधान है। इसमें स्थानीय स्तर से तुरंत अपराध का विशेष विवरण नहीं मिल पाता है। इस कारण साइबर अपराधी फ्रॉड किए गए पैसे को ठिकाना लगा देते हैं। इस कोर्स को शुरू करने का उद्देश्य है कि पुलिस पदाधिकारी प्रशिक्षित होंगे तो शिकायत के तुरंत बाद अपराधी को दबोचने की दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा। अपराध के पैटर्न को डिकोड करने में भी मदद मिलेगी। इसको लेकर जिला स्तर पर नोडल पदाधिकारी भी नियुक्त किए जाएंगे। इनका कार्य पुलिस, न्यायिक और फॉरेंसिंक विभाग के पदाधिकारियों को इन कोर्स में दाखिले के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
आपके पास है जानकारी तो लोगों की कर सकते सहायता
एनसीइआरबी की ओर से वॉलेंटियरिंग सर्विस की शुरुआत की गई है। ऐसे व्यक्ति जिनके पास सोशल मीडिया से लेकर फाइनेंशियल फ्रॉड से बचने और अपराध होने के बाद आगे की प्रक्रिया की जानकारी है तो वे पोर्टल पर रजिस्टर कर सकते हैं। वे शिकायत करने वाले अन्य लोगों की मदद कर सकते हैं। हालांकि, इसके बदले विभाग की ओर से किसी प्रकार का मानदेय देने की घोषणा नहीं की गई है।